नागपुर: घरेलू गणेश विसर्जन की प्रक्रिया भले ही दूसरे ही दिन से शुरू होती हो, लेकिन पर्यावरण की दुहाई देते हुए शहर के कोने-कोने में कृत्रिम तालाबों के निर्माण को लेकर किए गए उपाय और मनपा प्रशासन की बेतरतीब कार्यप्रणाली के कारण भले ही कृत्रिम तालाबों के निर्माण को वित्तीय मंजूरी देने का प्रस्ताव देरी से रखा गया हो, लेकिन सोमवार को स्थायी समिति में इस पर चर्चा कर मंजूरी प्रदान की गई.
स्थायी समिति की बैठक में 115 कृत्रिम तालाबों के निर्माण के लिए प्राप्त 41,16,700 रु. के टेंडर को वित्तीय मंजूरी देने का प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग की ओर से रखा गया. विशेषत: गणेशोत्सव के पहले से ही पदाधिकारियों की ओर से अधिकारियों को लेकर कई बार बैठकों का दौर चला. यहां तक कि प्राकृतिक स्रोत नष्ट न हो और पर्यावरण की दृष्टि से मूर्तियों को तालाब में विसर्जित करने की बजाय, कृत्रिम तालाबों का निर्माण कर इसमें विसर्जन के लिए लोगों को प्रेरित करने की अपील की गई, जिसके अनुसार शहर के अनेक हिस्सों में कृत्रिम तालाबों का निर्माण होगा.
खर्च को लेकर असमंजस
स्थायी समिति के लिए विभाग की ओर से दिए गए प्रस्ताव के अनुसार कृत्रिम तालाब की खरीदी के संदर्भ में मनपा आयुक्त द्वारा 1 अगस्त और स्थायी समिति द्वारा 4 अगस्त 2018 को प्रशासकीय मंजूरी प्रदान की गई थी. प्रदूषण रोकने और पर्यावरण के समतोल के लिए जिला नियोजन समिति की ओर से नाविण्यपूर्ण योजना के अंतर्गत विभाग को निधि उपलब्ध कराने मनपा आयुक्त द्वारा पत्र भेजा गया. उक्त खर्च इसी योजना में प्राप्त निधि से खर्च करने का प्रस्तावित किया गया है. निधि प्राप्त नहीं होने पर मनपा की ओर से इसका खर्च किया जाएगा. भविष्य में यह निधि प्राप्त होने पर राशि समायोजित की जाएगी.
विकास के कितने कार्य शुरू
सोमवार को मनपा मुख्यालय में हुई बैठक में महाराष्ट्र महानगर पालिका अधिनियम 1949 की धारा 63 के अनुसार महानगर पालिका के लिए आवश्यक कर्तव्य, बजट के प्रावधानों के अधीन रहकर प्रशासन की ओर से इस वित्तीय वर्ष में विकास को लेकर कितने कार्य शुरू किए गए. बजट को मंजूरी मिलने के बाद भी यदि विकास के कई कार्य क्यों शुरू नहीं किए गए. इस संदर्भ में गंभीरता से चर्चा की गई.
लेकिन ठोस जवाब देने के लिए अधिकारी उपलब्ध नहीं होने से मुद्दे को स्थगित रखा गया. इसके अलावा महानगर पालिका अधिनियम की धारा 93 और 94 के तहत स्थायी समिति द्वारा निर्धारित किए गए आय-व्यय के फार्मूले में पूरी जानकारी एकत्रित करने की हिदायत देते हुए इस मसले को भी अगली बैठक तक के लिए स्थगित रखा गया.