नागपुर: शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में एमबीबीएस की २०० सीटों की संलग्नता के लिए मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) की टीम ने सोमवार को आकस्मिक भेंट देकर निरीक्षण किया. 4 डाक्टरों वाली टीम का निरीक्षण सुबह 9 बजे से शुरू हुआ जो कि देर रात तक जारी रहा. इस दौरान ओपीडी, आईपीडी, होस्टल का निरीक्षण किया. साथ ही सावनेर के ग्रामीण अस्पताल भी गये.
मेडिकल में हर वर्ष 200 सीटों पर प्रवेश दिया जाता है. हर सत्र में प्रवेश के लिए संलग्नता हासिल करना होता है. साथ ही सभी सीटें एमसीआई के मापदंड के अनुसार ही भरी जाती हैं. मेडिकल प्रशासन द्वारा पिछले महीनेभर से तैयारी की जा रही थी. सोमवार की सुबह 9 बजे डॉ. डी.डी. दत्तारॉय, डॉ. कविता राजरतन, डॉ. जुगलकिशोर कार व डॉ. ए.के. पांडे की टीम दाखिल हुई.
अधिष्ठाता कार्यालय में चर्चा के बाद चारों सदस्यों ने अलग-अलग निरीक्षण किया. इस दौरान ओपीडी, आईपीडी, विविध वार्ड, शल्यक्रियागृह, ट्रॉमा केयर सेंटर, खेल मैदान, किचन, होस्टल का निरीक्षण किया. अब टीम रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली मुख्यालय को सौंपेगी. बताया गया कि टीम ने संपूर्ण व्यवस्था को देखकर समाधान व्यक्त किया है.
सीटें बढ़ने की क्षमता
टीम ने ओपीडी में मरीजों का रजिस्ट्रेशन, बिस्तरों की संख्या, आधुनिक ओटी, होस्टल में वातानुकूलित अध्ययन कक्ष, लेक्चरर्स हॉल व मैन पावर के बारे में जानकारी हासिल की. वर्तमान में मेडिकल में साधन-सामग्री और मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सीटों में इजाफा किए जाने की हलचल होने लगी है. इसके लिए प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं.
इससे एक ओर जहां विदर्भ के छात्रों को लाभ मिलेगा, वहीं दूसरी ओर निवासी प्राध्यापक भी बढ़ेंगे. इससे मरीजों को बेहतर सेवा मिल सकेगी. फिलहाल मेडिकल में प्राध्यापकों की संख्या 3५, सहयोगी प्राध्यापक १०६, सहायक प्राध्यापक १७०, वरिष्ठ निवासी डॉक्टर ८० और कनिष्ठ निवासी डॉक्टर ४०० हैं.