नागपुर: ऑनलाइन दवा विक्री के खिलाफ दवा विक्रेताओं ने बंद का ऐलान किया है। आगामी 28 सितंबर को ऑल इंडिया केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट असोशिएशन ने इस बंद का ऐलान किया है जिस वजह से संस्था से सम्बंधित सभी दवा विक्रेता 27 सितंबर रात 12 बजे से 28 सितंबर को अपनी दुकाने बंद रखेंगे। दवा विक्रेता लंबे समय से ऑनलाइन दवा बिक्री के खिलाफ आंदोलनरत है। इसका कहना है की देश में ऑनलाइन दवा बिक्री को लेकर कोई नियमावली नहीं है। जिससे सरकार को न केवल राजस्व को नुकसान हो रहा है बल्कि मरीजों के जान से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। गंभीर बीमारियों के साथ मनोविकार,स्त्रीरोग से सम्बंधित बीमारियों की दवाईयां ऑनलाइन बेचीं जा रही है। बेचीं जा रही दवाईयॉ कैसी है इसकी जानकारी आम ग्राहकों को नहीं है सिर्फ डिस्काउंट और कम दाम की वजह से ग्राहक ऑनलाइन तरीके से दवाईयां बुला रहे है।
नागपुर डिस्ट्रिक केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट असोशिएशन ने भी इस बंद का समर्थन किया है और हड़ताल में भाग लेने का फैसला लिया है। संस्था के नागपुर के अध्यक्ष राजेंद्र कावड़कर के मुताबिक दवाइयों की बिक्री का व्यवसाय संवेदनशील है इसलिए सरकार जाँच परख कर लइसेंस देती है। ऑनलाइन स्वरुप से प्राप्त होने वाली दवाईयॉ के व्यवसाय से जुड़े लोग कैसे है इसकी जानकारी खुद सरकार के पास नहीं होती। 50 से 70 प्रतिशत का डिस्काउंट देकर दवाईयां बेचीं जा रही है लेकिन किसी सामान्य मेडिकल स्टोर में मिलने वाली दवाई में ही जब इतनी मार्जिन नहीं तो ये बेचीं कैसे जा रही है। इससे साफ पता चलता है दाल में कुछ काला है। हमारी सरकार से माँग है की व्यापार को जल्द से जल्द बंद किया जाये। अपनी इसी माँग को सरकार तक पहुँचाने के लिए ये आंदोलन है। देश भर में 8 लाख से अधिक दवा विक्रेता है और इस व्यवासय से करीब 1 करोड़ लोगो का घर चलता है। इसलिए सरकार को इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।