नागपुर: आयुर्वेद के ब्रांड एम्बेस्डर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को फ़ूड प्रोसिसिग प्लांट के लिए नागपुर के मिहान स्थित स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन में रिआयती दर से 234 एकड़ जगह सरकार द्वारा दी गई है। ज़मीन हस्तांतरण के बाद 6 महीने के भीतर प्रोडक्शन शुरू होने की अपेक्षा थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब कहाँ जा रहा है की प्लांट दिसंबर 2018 से शुरू हो जायेगा। लेकिन जिस मंद गति से काम शुरू है उससे इसका अंदाजा बेहद काम है। दरअसल जिस तेजी से प्लांट का निर्माणकार्य होना चाहिए था वैसा हुआ नहीं है। अब तक सिर्फ 30 फीसदी ही निर्माणकार्य पूरा हो पाया है। पतंजलि की साइट का दौरा करने पर अब भी काम की तेजी का अंदाजा लगाया जा सकता है। हालाँकि प्लांट में लगाने वाली आवश्यक मशीन तो आ चुकी है लेकिन उनको अब तक स्थापित किया जाना बांकी है।
इस मेगा प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया की यहाँ 40 से 45 लोग काम कर रहे है जिनमे से अधिकतर ऐसे लोग है जो सीधे तौर पर प्रासाशनिक कामकाज से जुड़े हुए नहीं है। राज्य सरकार ने रोजगार सृजन और औद्योगिक व्यवसाय को नागपुर में बढ़ाने के लिए कुछ खास शर्तो से साथ बाबा रामदेव को सस्ते दाम में जगह उपलब्ध कराई थी। करार के मुताबिक 18 महीने के भीतर प्लांट शुरू हो जाना था लेकिन ऐसा नहीं हो सकता अब कहाँ जा रहा है की यहाँ काम दिसंबर 2018 में शुरू हो जायेगा।
प्लांट के निर्माण में देरी होने को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही है। बताया जाता है की बाबा रामदेव अपने इस प्लांट में बनाने वाली सामग्री को वैश्विक स्तर पर पहुँचाने के ज्यादा इच्छुक थे लेकिन उन्हें उम्मीद के मुताबिक एयर ट्रांसपोर्ट का सकारात्मक माहौल इतने समय में प्राप्त नहीं हो पाया। दूसरा बाबा रामदेव ने देश भर में कई राज्यों में निवेश को बढ़ाया है जिससे इसका असर इस प्रोजेक्ट पर पड़ा। कंपनी को महाराष्ट्र से भी सस्ती दरों में ज़मीन और अधिक रिआयत अन्य राज्यों ने दी है जहाँ कंपनी ने अपने निवेश को बढ़ाया है।
इस प्रोजेक्ट की नागपुर में अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्यूँकि पतंजलि ने जो वादे किसानों से किये है उनमे उनका नुकसान कम है। पतंजलि ने विदर्भ में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के कांसेप्ट को भव्य तरीके से लागू करने का वादा किया है जिसका किसानों की तरफ से स्वागत किया जा रहा है लेकिन प्रोजेक्ट में होने वाली देरी नागपुर और आस पास के किसानों को हताश कर रही है।
प्रोजेक्ट में देरी होने के बावजूद पतंजलि द्वारा कहाँ जा रहा है की किसी भी हालत में दिसंबर 2018 में मिहान में प्रोडक्शन शुरू हो जायेगा। अकेले इस प्लांट की वजह से 2 हजार प्रत्यक्ष और करीब 10 हजार अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का सृजन होगा।