आगामी आम चुनाव से पूर्व सरसंघचालक का आखरी भाषण
नागपुर: विजयदशमी के अवसर पर संघ प्रमुझ द्वारा दिया जाने वाला संबोधन स्वयंसेवकों के लिए आगामी वर्ष में किये जाने वाले कार्यो का ख़ाका तैयार करता है। इस वर्ष यह संबोधन न केवल संघ के कार्यकर्ताओं के लिए बल्कि सरकार के लिए भी ख़ास होगा। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले दशहरे के अवसर पर दिया जाने वाला उनका भाषण आखरी भाषण होगा। सितंबर के महीनें में देश की राजधानी में “भविष्य का भारत संघ का दृष्टिकोण” कार्यक्रम के तहत सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत द्वारा दिए गए भाषण की झलक विजयदशमी के अवसर पर दिए जाने वाले भाषण में भी दिखेगी।
इस कार्यक्रम के दौरान संघप्रमुख ने आरएसएस को लेकर आम लोगो के मन में आने वाले सवालों का विस्तार के ज़वाब दिया था। साथ ही कुछ ऐसी बातें भी कहीं थी जो मौजूदा सरकार के कामकाज़ पर सवाल उठाती है। इससे पहले भी वो विजयादशमी के अपने भाषण में सरकार के अच्छे कार्यों की तारीफ़ करने के साथ न होने वाले आवश्यक कार्यों पर खिंचाई कर चुके है। इसलिए इस बार बड़ा और कड़ा संदेश संघ द्वारा सरकार को दिए जाने के कयास लगाए जा रहे है।
महिला सशक्तिकरण
इन दिनों देश में मी टू कैंपेन जोरों शोरों से चल रहा है। इस कैम्पेन के माध्यम से महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार उजागर हो रहे है। सवाल खुद केंद्र के मंत्री पर उठ रहे है। संघ महिलाओं की समाज में समानता के मुद्दे पर लंबे वक्त से काम कर रहा है। ऐसे में अंदेशा है कि संघ प्रमुख के भाषण के केंद्र में महिला सशक्तिकरण का मुद्दा होगा। इस दिशा में संघ द्वारा किये जा रहे कार्यो पर भी वो प्रकाश डालेंगे।
बाल अधिकार और संस्कार
संघ के विजयादशमी उत्सव में इस बार प्रमुख अतिथि के रूप में कैलाश सत्यार्थी को आमंत्रित किया गया है। सत्यार्थी देश ही नहीं विश्व में बच्चों के मूलभूत अधिकारों को दिलाने वाले समाजसेवी के रूप में प्रसिद्ध है। संघ बाल संस्कार और मुलभुत अधिकार शिक्षा में लिए भी काम करता है। संघ की सोच में पाश्चात्य संभ्यता को तरजीह है। संघ प्रमुख अपने भाषण में संघ में बाल स्वयंसेवकों को दिए जाने वाले संस्कार के विषय पर भी बोलेंगे।
चुनाव सुधार
लोकतंत्र में चुनाव की भूमिका अहम है। अगले वर्ष देश में आम चुनाव होंगे। इस बात को ध्यान में रखते हुए चुनाव सुधार की दिशा में किस तरह के काम किये जाने चाहिए। संघ प्रमुख इस बारे में बोलेंगे ऐसा भी कयास है।
शस्त्र पूजन विवाद और परंपरा
संघ के विजयादशमी उत्सव के दौरान होने वाले शस्त्र पूजन की परंपरा पर इन दिनों विवाद चल रहा है। सार्वजनिक मंच पर किये वाले शस्त्र पूजन को लेकर आपत्ति उठाई जा रही है। लेकिन संघ द्वारा स्पस्ट किया गया है कि यह कार्यक्रम होगा और ठीक उसी ढंग से होगा जैसे पहले होता आया है। संघ के शस्त्र कार्यक्रम में पहले भोसले राज घराने से हथियार लाये जाते है। जिसके बाद इन्हे अखाड़ों से लाया जाने लगा। विगत कुछ वर्षो से स्वयंसेवक जिनके पास हथियार का लायसेंस है उनके माध्यम से शस्त्र लाये जाते है। कयास है कि संघ प्रमुख भारत की गरिमा और परंपरा को जोड़ते हुए इस विवाद के बारे में भी बोलेंगे।
राफेल और सरकार
इन दिनों देश में राफेल का मुद्दा काफ़ी गर्माया हुआ है। इससे पूर्व के भाषणों में संघ प्रमुख कह चुके है कि देश को रक्षा क्षेत्र में मजबूत करना चाहिए। लेकिन अन्य देशो पर आश्रित होने की बजाय हमें खुद के संसाधनों और तकनीक को विकसित करना चाहिए। फ़्रांस के साथ भारत ने राफेल विवाद का सौदा किया है। विपक्ष का आरोप है कि इस सौदे के दौरान स्वदेशी कंपनी हिन्दुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड को अनदेखा किया गया। इस मुद्दे पर भी संघ प्रमुख बोलेगे ऐसा कयास लगाया जा सकता है।