Published On : Sun, Nov 25th, 2018

राम मंदिर पर बोले भागवत, अब धैर्य नहीं निर्णायक आंदोलन का समय

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नागपुर: अयोध्या में शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे के होने और विश्व हिंदू परिषद की धर्मसभा के चलते आज वहां माहौल गर्म है तो वहीं, 900 किमी दूर नागपुर से आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है। यहां उन्होंने विश्व हिंदू परिषद की हुंकार रैली को संबोधित करते हुए साफ कहा कि अब धैर्य नहीं निर्णायक आंदोलन का वक्त आ गया है। कोर्ट पर निशाना साधते हुए भागवत ने कहा कि न्यायपूर्ण बात यही होगी कि जल्द मंदिर बने, लेकिन यह कोर्ट की प्राथमिकता में नहीं है तो सरकार सोचे कि मंदिर बनाने के लिए कानून कैसे आ सकता है।

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RSS चीफ ने आगे कहा, ‘लेकिन सावधान! यह अपनी मांग है। आज लड़ाई नहीं है लेकिन अड़ना तो है। जन सामान्य तक यह बात पहुंचानी जरूरी है कि सरकार इसके लिए कानून बनाए और जनता का दबाव आएगा तो सरकार को मंदिर बनाना होगा। फिर एक बार संपूर्ण भारतवर्ष को मंदिर के लिए खड़ा होना है। जो चित्र और मॉडल हमने सामने रखा है उसी के हिसाब से मंदिर बनना चाहिए। देश में तबतक जागरण का काम चले जब तक मंदिर निर्माण का काम शुरू न हो जाए।’

भागवत ने बताया, मंदिर का मांग क्यों?

भागवत ने कहा कि कभी-कभी यह सवाल आता है कि मंदिर की मांग क्यों कर रहे हैं? तो यह मांग न करें तो कौन सी मांग करें। हमारा भारत स्वतंत्र देश है इसलिए यह मांग करते हैं। डॉ. राम मनोहर लोहिया ने अपनी किताब ‘राम कृष्ण शिव’ में कहा है कि भारतीय समाज जीवन का वस्त्र जो प्राचीन समय में बुना गया, उसके उत्तर-दक्षिण धागे को श्री राम ने पिरोया, पूर्व-पश्चिम धागे को श्री कृष्ण ने पिरोया और भगवान शिव तो इस पूरे समाज के मन में छा गए हैं।
अयोध्या में राम की जन्मभूमि है जो एक ही होती है, दूसरी नहीं होती है। जब तक हम स्वतंत्र नहीं थे, हम चुप थे पर अब अपने मालिक बन गए हैं तो हमनी अपनी चीजों को बिठाया। पहला काम सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ।

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