Published On : Sat, Dec 1st, 2018

मंत्री के आदेश पर हटाए गए प्रभारी आरटीओ खरमाटे

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आरटीओ में अवैध वसूली सीडी कांड का जवाब – मंत्री के आदेश पर हटाए गए प्रभारी आरटीओ खरमाटे
शिवसेना ने माना मंत्री का आभार, ओवरलोड वाहनों की एक्सल शीट बनाकर करता था वसूली

नागपुर: आरटीओ में धांधली और अवैध वसूली को लेकर निचले स्तर तक चेन बनाने की करतूतों का भांडाफोड़ सीडी के ज़रिए शिवसेना ने किया था. इस सीडी की कॉपी परिवहन मंत्री दिवाकर रावते को सौंपे जाने पर रावते ने आदेश पारित कर नागपुर आरटीओ बजरंग खरमाटे को हटाने के निर्देश दिए. जिसके बाद विभाग सचिव आशीष कुमार सिंह ने खरमाटे से नागपुर का चार्ज छान लिया. मंत्री के इस आदेश को लेकर शिवसेना नागपुर जिला अध्यक्ष प्रकाश जाधव व युवा सेना के नितिन तिवारी ने मंत्री के इस फैसले पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए आभार जताया.

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इन गड़बड़ियों को लेकर शिवसेना के नितिन तिवारी द्वारा ये पूरे सबूत परिवहन मंत्री दिवाकर रावते को सीडी के जरिए देकर तत्काल प्रभाव से बजरंग खरमाटे को नागपुर आरटीओ के चार्ज से हटाने की मांग की गई थी.

शिवसेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक

आरटीओ नागपुर शहर बजरंग खरमाटे ने सितंबर 2018 से चार्ज लिया उसके बाद से ओवरलोड एंट्री के भ्रष्टाचार को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा था. करोड़ो की अवैध ओवरलोड एंट्री वसूली जा रही थी.

इसके लिए दलालों के सरगना रोमी उर्फ नितिन तलवार, अमरावती के आदिल व खरमाटे के निजी ड्रायवर नरेंद्र तिवारी उर्फ बिट्टू इस पूरे भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे थे. इनके साथ विभाग के कुछ मोटर वाहन निरीक्षक पूरी तरह इस काम में खरमाटे का साथ दे रहे थे. विशेष रूप से इस ओवरलोड एंट्री के खेल में सहायक मोटर वाहन निरीक्षक वासुदेव मुगल ने हनुमान बनकर खरमाटे का साथ दिया. ध्यान देनेवाली बात है कि उसकी खुलेआम ट्रांसपोर्टरों से ओवरलोड एंट्री वसूली से जुड़ी बातचीत की ऑडियो भी सुर्खियों में रही है. शहर के बड़े ट्रांसपोर्टर मसलन एचजी इंफ्रा, दिलीप बिल्डकॉन, श्वेतल जैसे अनेक ट्रांसपोर्टरों से खरमाटे का निजी ड्रायवर बिट्टू सीधे वसूली करता था.

राज्य के बाहर से आनेवाले या नागपुर से राज्य के बाहर जानेवाले ओवरलोड वाहनों की वसूली रोमी करता था, तथा लोकल का पूरा काम आदिल के हवाले होता था. ये सब मिलकर बिट्टू को ओवरलोड वाहनों की लिस्ट देते थे, जिसकी बाक़ायदा कंप्यूटर के एक्सेल शीट में सूची बनाई जाती थी. इस सूची को फ्लाइंग स्क्वाड में तैनात अधिकारियों को मोबाइल में दे दी जाती, ऐसे में जब रास्ते पर ओवरलोड वाहन मिलता तो लिस्ट देखकर उसे छोड़ दिया जाता. और यदि वह लिस्ट में नहीं होता तो उस पर कार्यवाही की जाती.

आरोप है कि बंदरबांट में प्रति वाहन 10000 रुपए प्रति महीना जमा कर खरमाटे के पास जमा किया जाता था. यह रकम करोड़ो में होती है. गुप्त जानकारी के अनुसार इन ओवरलोड वाहनों के लिस्ट में वाहनों की संख्या अकेले सितंबर माह में 1288 वाहनों की थी. वहीं अक्टूबर में 1600 व नवंबर में 1523. ऐसे कुल 4411 वाहनों से 10000 के हिसाब से करीब 44110000(चार करोड़ इकतालीस लाख दस हजार रुपयों की वसूली का अनुमान है.) आरोप ये भी है कि इस वसूली का कुछ हिस्सा विजय मुदलियार द्वारा अन्य अधिकारियों को हवाला किया जाता था.

बताया जा रहा है कि खरमाटे के निजी चालक बिट्टू को खरमाटे द्वारा वसूली के पूरे अधिकार मिले हुए थे. मौका आने पर वह भी फ्लाइंग स्कॉड के अधिकारियो पर रौब जमाता और उन्हें खरमाटे के भ्रष्ट तंत्र को अमल में लाने का दबाव बनाता था.

विभाग के कुछ अधिकारी ऐसे भी रहे जिनकी दुकान खरमाटे ने बंद कर अपना पूरा साम्राज्य बना लिया था. बिट्टू और अधिकारी मिलकर ट्रांसपोर्टरों से वसूली करते थे, जिनकी बातचीत का भी ऑडियो नितिन तिवारी ने जारी किया.

खरमाटे उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी हैं और इनके खिलाफ अंधेरी में तैनाती के दौरान किए गए इम्पोर्टेड बाइक के अवैध रेजिस्ट्रेशन व अन्य मामलों में 2 विभागीय जांच भी चल रही है. और वर्तमान में वर्धा के उप प्रादेशिक का चार्ज उसके पास है. ऐसे में नागपुर जहाँ से मुख्यमंत्री व नितिन गडकरी लोकप्रतिनिधि है का प्रभारी चार्ज देना पूरी तरह अनुचित बताया जा रहा है. नियम कहते हैं कि जिस अधिकारी पर विभागीय जाँच लंबित हो उसे प्रभारी चार्ज नहीं दिया जा सकता.

खरमाटे के भ्रष्टाचार के खिलाफ शिवसेना की ओर से नागपुर में आंदोलन भी किया जा चुका है. उस पर कार्रवाई न होने पर तीव्र आंदोलन की चेतावनी भी दी गई थी.

खरमाटे की इस करतूत से मंत्रालय और प्रमुख रूप से परिवहन सचिव आशीष कुमार बहुत नाराज चल रहे थे. परंतु उनके नीचे के अधिकारियों को खरमाटे मैनेज कर रहा था. परंतु अंततः परिवहन मंत्री दिवाकर रावते के आदेश पर आशीष कुमार सिंह ने खरमाटे से नागपुर का चार्ज हटा लिया।

– राजीव रंजन कुशवाहा

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