Published On : Thu, Dec 20th, 2018

अरविंद इंडो स्कुल ने दी गलत जानकारी: जिला क्रीड़ा अधिकारी ने गेम्स टूर्नामेंट में प्रवेश पाबंदी की कार्रवाई करने का स्कुल को दिया नोटिस

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नागपुर: नागपुर ग्रामीण के पारशिवनी तहसील के अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल पारशिवनी क़े अवैध और प्रशासन को गलत जानकारी देने के मामले में अब कार्रवाई शुरू हो चुकी है . हाल ही में जिला क्रीड़ा अधिकारी ने इस स्कूल पर स्कुल क्रीड़ा टूर्नामेंट में प्रवेश बंदी करने के संबंध में नोटिस जारी किया है. यह नोटिस स्कुल के प्रिंसिपल को देकर 15 दिंनो के भीतर इस पर जवाब देने के लिए कहा गया है .

सुचना अधिकार कार्यकर्ता महासंघ और नागरी हक्क संरक्षण मंच के पदाधिकारियों द्वारा शिक्षा विभाग, पंचायत समिति और क्रीड़ा विभाग से सुचना अधिकार आवेदन में जानकारी हासिल करके इस स्कूल के कई गलत बातों को शासन और नागरिकों के सामने उजागर किया था . उन्ही में से यह एक मामला था. अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल पारशिवनी इस स्कूल को 1 लीं से 7 वीं कक्षा तक की मान्यता होते हुए भी पिछले दो सालों से स्कूल में गैरकानूनी तरीके से 8 वीं और 9 वीं की कक्षाएं चलाई जा रही थी , साथ ही स्कुल ने नियमों को ताक पर रखकर गलत तरीके से शासन, प्रशासन, विद्यार्थी और पालकों को धोखे में रखकर 8 वीं क्लास के विद्यार्थीयों को शालेय क्रीड़ा स्पर्धा तथा स्कॉउट गाईड मे सहभागी भी कराया .

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स्कुल के यह सभी गोलमाल घोटाले सुचना क़े अधिकार में उजागर होते ही महासंघ के पदाधिकारियों ने शिक्षा विभाग, क्रीड़ा विभाग और मंत्रालय स्तर पर लिखित शिकायत करके स्कुल और प्रिन्सिपल पर फौजदारी कार्रवाई करने की मांग की थी . अपने सभी घोटाले शासन और पालकों के सामने उजागर होते ही स्कुल के प्रिंसिपल ने मामले को छुपाने के लिए इन सभी विद्यार्थीयों को इनके वास्तविक स्कुल मतलब अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल सावनेर हेटी सुर्ला में स्थानांतरित कर दिया था .

आरटीआई कार्यकर्ता शेखर कोलते ने बताया कि शिक्षणाधिकारी ( माध्यमिक) इनके जांच अहवाल मे प्रिन्सिपल ने स्कुल को सिर्फ 1 ली से 7 वी कक्षा तक ही मान्यता होने की बात खुद कबूली थी, और स्कुल ने जिल्हा क्रीड़ा अधिकारी कार्यालय (डीएसओ) अंतर्गत पिछले साल 8 वीं क्लास के इन्ही विद्यार्थियों को शालेय क्रीड़ा स्पर्धा , स्कॉउट गाईड उपक्रम और अन्य विविध उपक्रमों में सहभागी किये जाने के काफी सबूत सुचना के अधिकार में प्राप्त हो चुके है . अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल यह किसी जेष्ठ राजकीय नेता की होने की जानकारी मिली है .

साथ ही यह प्रकरण दबाने का सभी स्तरों पर जोरदार प्रयास किया जा चुका है . कोलते ने बताया कि शिकायत करनेवाले महासंघ के पदाधिकारियों को साम दाम दंड भेद का इस्तेमाल करके मैनेज करने का प्रयास भी किया जा चुका है. उन्हें स्थानीय गुंडों के द्वारा जान से मारने की धमकियाँ भी दी जा चुकी है . इस विषय में शिकायत करने पर खापरखेडा पुलिस स्टेशन द्वारा कार्रवाई भी की गयी है . महासंघ के पदाधिकारियों द्वारा शिक्षा विभाग और जिल्हा क्रीड़ा अधिकारी को इस विषय पर कार्रवाई करने के लिए सभी ठोस सबूतों और सभी दस्तावेजों के साथ लगातार चर्चा की जा रही थी.

जिसके बाद जिल्हा क्रीड़ा अधिकारी कार्यालय व्दारा स्कुल के प्रिंसिपल राजेश्री देशमुख को इस मामले में जवाब प्रस्तुत करने के लिए बार- बार पत्रव्यवहार किया जा रहा था , लेकिन उनके द्वारा हमेशा टालमटोल किया जा रहा था . आखिर जिल्हा क्रीड़ा अधिकारी अविनाश पुंड ने प्रिन्सिपल को अंतिम सुचना पत्र देकर 15 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत न करने पर स्कुल पर शालेय क्रीड़ा स्पर्धा में प्रवेश बंदी की कार्रवाई करने के विषय में सूचित किया है. कोलते ने बताया की अगर स्कुल पर कार्रवाई नहीं होती तो वे हाईकोर्ट में याचिका डालेंगे .

इस बारे में अरविंद इंडो पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल राजेश्री देशमुख से इस मामले में उनका पक्ष जानने के लिए कई बार फ़ोन किया गया साथ ही इसके उनको एसएमएस भी भेजा गया. लेकिन उनकी ओर से कोई भी प्रतिसाद नहीं मिल पाया है.

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