नागपूर : प्रभावी वक्तव्य के लिए वक्ता के पास कुछ विशेष गुण होने चाहिए. कुछ गुणों की वक्ता को निसर्ग से देन मिली होती है तो वही कुछ गुण उसे विकसित करने होते है.जिसके कारण प्रत्येक ने अपनी अपनी क्षमतानुसार आवश्यक गुण आत्मसात कर अपने भाषण अधिकाधिक रंजक और प्रभावी बनाने चाहिए.
ऐसी राय सॉफ्ट स्किल्स ट्रेनर पारुल आर्य ने विद्यार्थियों को दी. स्वयम् सामाजिक संस्था और माय करिअर क्लब की ओर से रविवार को कमला नेहरू महाविद्याल में छात्राओ के लिए आयोजित स्टेज डेअरिंग-पब्लिक स्पीकिंग कार्यशाला में वह सभी को मार्गदर्शन कर रही थी. इस दौरान नगरसेवक संजय महाकालकर प्रमुख रूप से मौजूद थे.
पारुल आर्य ने बताया कि बोलने की कला यह व्यक्तिमत्व का भूषण है. किसी भी क्षेत्र में स्वतंत्र पहचान निर्माण करनी है तो उत्तम भाषण शैली चाहिए. शिक्षा, राजनीति, समाजकार्य, साहित्य, कला, क्रीड़ा, अध्यात्म, मीडिया ऐसे अनेक क्षेत्रों में वक्तृत्व प्रमुख है. आज का वक्ता कल का शिक्षक, लेखक, विचारक, वकील, समाजसुधारक बन सकता है. अपने प्रभावी भाषण से वह समाज का, राज्य का, देश का नेतृत्व कर अन्यों को प्रेरणा दे सकता है.
प्रभावी भाषण के लिए पढ़ना, लिखना, आत्मविश्वास, हाजिरजवाबी, निर्भयता, हास्य, विषय का ज्ञान, श्रोताओ के अंदाज को समझना, भाषा शैली, आवाज का स्तर, उच्चार की गति और अभिनयक्षमता इत्यादि महत्वपूर्ण गुण वक्ता के पास होने चाहिए ऐसी जानकारी आर्य ने दी.
क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले जयंती पर स्पर्धा के पुरस्कार का वितरण
इस कार्यशाला में नागपुर के 24 स्कुल और कॉलेज के 230 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था. कार्यशाला के बाद ‘ स्त्रीशिक्षा का महत्व ‘ इस विषय पर स्पर्धा ली गई. 3 जनवरी 2019 को क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले जयंती के अवसर पर ‘न्यू इयर – न्यू व्हिजन’ कार्यक्रम में इस स्पर्धा के विजेताओ को आकर्षक पुरस्कार समेत बॉडी लैंग्वेज, जानकारी का विश्लेषण, आवाज का कम ज्यादा, प्रस्तुतीकरण, हावभाव, हास्य, और आत्मविश्वास ऐसी विभिन्न श्रेणीनुसार पुरस्कार दिए जाएंगे. सभी स्पर्धकों को प्रशस्तिपत्र दिए जाएंगे .
खुद के विचार प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने की कला लड़कियों में विकसित होकर उनमें नेतृत्व क्षमता निर्माण हो. इस उद्देश्य से ‘स्वयम’ के अध्यक्ष विशाल मुत्तेमवार की संकल्पना से इस कार्यशाला और वक्तृत्व स्पर्धा का आयोजन किया गया था. रोजाना के व्यवहारों के साथ साथ विभिन्न स्पर्धा परीक्षा की ग्रुप चर्चा या इंटरव्यू में संवादकौशल्य का काफी महत्व होने के कारण विभिन्न स्कुल के प्रिंसिपल, प्राचार्य और शिक्षकों ने इस कार्यशाला के लिए सहकार्य किया.