डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दिखाई गई फिल्म
नागपुर- राजस्थान के नेशनल पार्क टाइगर रिज़र्व की शान बाघिन ‘ मछली ‘ जिसने इस जंगल में करीब 15 वर्षो तक राज किया. इसी जंगल के पास लकड़दाह में उसका जन्म 1997 को हुआ था. अपने बच्चों को पालने और उनको अन्य जानवरों से बचाने का संघर्ष और अपने अंतिम दिनों में अपने बच्चों के द्वारा ही अपने ही जंगल से खदेड़े जाने की पूरी कहानी फिल्म के माध्यम से रेशमबाग में दिखाई गई. यह फिल्म इंटरनेशनल अवार्ड विनिंग डायरेक्टर एंड सिनेमाटोग्राफर सुब्बैया नल्ला मुथु ने बनाई है. इन्होने रणथम्बौर के जंगलों में बाघिन ‘मछली ‘ को अपने कैमरे में लगभग 18 वर्षो तक कैद रखा. जिस तरह से इंसान का इंसान के साथ बहोत साल तक रहने के बाद एक रिश्ता जुड़ जाता है वैसे ही ‘ मछली ‘ के साथ नल्ला का रिश्ता जुड़ गया था. अपने आखरी दिनों में मछली को किस किस के साथ अपने बचाव के लिए संघर्ष करना पड़ा. इसका भी बहोत ही मार्मिक चित्रण उन्होंने अपनी फिल्म में दिखाया है. यह फिल्म देखने के लिए काफी संख्या में लोग मौजूद थे. 2016 में इस बाघिन ‘ मछली ‘ की मौत हुई. बड़े सम्मान के साथ फॉरेस्ट के अधिकारियों, कर्मियों, गांव के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार किया था. इस दौरान सुब्बैया नल्ला मुथु काफी इमोशनल हो गए थे.
इस फ़िल्म के दौरान एक शक्ति शाली बाघिन के साथ ही अपने आखरी दिनों की असहाय और उम्र से जूझती बाघिन की भी कहानी दिखाई गई है. इस फिल्म का प्रदर्शन रेशमबाग के महिला उद्योजिका में ‘ एशियाटिक बिग कैट सोसाइटी ‘ इनकी ओर से वनराई फाउंडेशन और रोटरी क्लब ऑफ़ अलाईट के द्वारा किया गया. इस दौरान एक और फिल्म ‘ क्लैश ऑफ़ टाइगर्स ‘ भी दिखाई गई. इस दौरान महापौर नंदा जिचकार, महिला व बालकल्याण समिति सभापति प्रगति पाटिल, उपसभापति विशाखा मोहोड़, एफडीसीएम के व्यवस्थापकीय संचालक एन. रामबाबू, वनराई के विश्वस्त गिरीश गांधी, एशियाटिक बिग कॅट सोसायटी के सचिव व वनराई के विश्वस्त अजय पाटिल , रोटरी के पास्ट डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर केडिया, पूर्व आंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर प्रशांत वैद्य, गांधीबाग झोन की सभापती वंदना येंगटवार, नगरसेविका सरला नाईक, वंदना कन्हेरे, अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी, उपायुक्त डॉ. रंजना लाडे, डॉ. असरा कुमुशी, डॉ. लक्ष्मी कढव , अलका तायडे, नीलेश खांडेकर, मयंक मिश्रा मौजूद थे.
इस दौरान महापौर के हाथों सुब्बया नल्ला मुत्थू का सत्कार किया गया. इस समय नल्ला ने कहा कि ‘ टाइगर कैपिटल ‘ के नाम से मशहूर नागपुर शहर में उनका सत्कार होना गर्व की बात है. ‘ मछली ‘ बनाने के लिए नल्ला को करीब 9 साल लग गए. इस डोक्युमेंट्री को 147 देशो में 37 भाषाओ में प्रदर्शित किया गया है.
Mayank Mishra,Sawan Bahekar & Abhay Upadhye
Abhay Upadhye, Mayank Mishra,Subbiah Nalla Muthu, Amrut Naik & Kannan
Rambabu & Ajay Patil
Prashant Vaidya
Pragati Patil & Vishakha Mohod
Subbiah Nalla Muthu
Subbiah Nalla Muthu & Ajit Kulkarni
Pics By Rajesh Bansod