Published On : Wed, Jan 16th, 2019

नायलॉन मांजे में उलझे दो पक्षियों को आप की टीम ने दिया जीवनदान

Advertisement

नागपूर: मकर सक्रांति भले ही पतंग शौकिनो के लिए उत्सव हो. लेकिन यह शौक इंसानों के साथ साथ पशु और पक्षियों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहा है. ऐसे ही दो बेजुबान पक्षियों जो की मांजे में फंसे हुए थे. उन्हें जीवनदान देने का काम आप युवा आघाडी विदर्भ रिजन के संयोजक पियुष आकरे और उनकी टीम ने किया है.

पियूष के अनुसार रामदासपेठ निवासी मंगेश बड़वाईक के घर के परिसर में बार्न आउल प्रजाती का उल्लू पतंगबाजी उत्सव का शिकार हुआ था. इस घटना की जानकारी स्वप्निल बोधाने और पियुष आकरे को मिलते ही घटनास्थल पर वे पहुँचे और उस आउल को रेस्क्यू किया. उल्लू को उपचार के बाद इसको निसर्गमुक्त किया जाएगा. इसी के साथ ही गणेशपेठ बस स्टैंड के पास से भी एक चील को बुधवार सुबह को रेस्क्यू किया गया. इसमें वन विभाग की टीम, बस कर्मचारी ने चील को रेस्क्यू किया.

Gold Rate
Wednesday 12 March 2025
Gold 24 KT 86,400 /-
Gold 22 KT 80,400 /-
Silver / Kg 98,300 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

पियूष ने जानकारी देते हुए बताया कि मकर संक्रांत पतंगबाजी उत्सव के चलते आकाश में मुक्त संचार करने वाले पंछियो पर मांजे से जख्मी होने का खतरा अधिक होता है ओर इस नायलॉन मांजे से उनकी जान भी जा सकती है. हर साल हम मांजे में उलझे हुए कई पंछियो को मुक्त कर उनकी जान बचाते है. सोशल मीडिया पर जोरो शोरो से जनजागृती अभियान भी चलाते है ओर इसी के चलते नागपुर शहर में पंछी जख्मी होने अथवा मृत होने की घटनाओं में कमी भी आई है.

इतना होने के बावजूद भी पतंग व्यापारी कुछ चंद पैसो के लिए कानून का उलंघन कर बड़े तादाद में नायलॉन मांजा बेचते है. यह मांजा इंसानो के लिए घातक तो है ही पर इस से पंछियो को ज्यादा नुकसान पहुचता है. यह मांजा सड़ता नही है और कई महीनों तक ऐसे ही पेड़ो, बिल्डिंगों, तारों पर लटका रहता है और इस मांजे में पंछी लटकने की घटनाएं लगातार चलती है. निशाचर पंछी भी खास तर ऐसे मांजा के शिकार हो जाते है.

Advertisement