Published On : Thu, Mar 28th, 2019

दीक्षा मोक्ष संस्कार की निशानी है –आचार्य गुप्तिनंदी

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नागपुर: प्रज्ञायोगी आचार्य गुप्तिनंदी के ससंघ व धर्मतीर्थ में गणिनी आर्यिका क्षमाश्री माता की शिष्या ब्र. पद्माबाई कासलीवाल (आडुल) को भव्य क्षुल्लिका दीक्षा प्रदान की गई.

दीक्षा से पूर्व ईच्छापूरक श्री आदिनाथ भगवान का भव्य पंचामृत अभिषेक दीक्षार्थी व भक्तों के द्वारा किया गया.

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इस अवसर पर औरंगाबाद ,आडुल, कचनेर, लासुर स्टेशन, देवलगांव राजा, इंदौर, मुंबई, गेवराई ,जामखेड़ आदि अनेक नगरों के भक्तों ने दीक्षार्थी की गोदभराई करके वरघोड़ा शोभायात्रा निकाली. ब्र.पद्माबाई ने दीक्षा चौक पर बैठने के पहले उपस्थित जनसमुदाय से व आचार्य संघ से क्षमा याचना की. आगंतुक भक्तों ने जोरदार करतल ध्वनि से दीक्षा की अनुमोदना की. इस अवसर पर आचार्य गुप्तिनंदी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि बढ़े भाग्य से सातिशय पुण्योदय से किसी पुण्यात्मा के दीक्षा लेने के भाव होते हैं. ये दीक्षा मोक्ष संस्कार की निशानी है. मानव जीवन चार भागों मे बटा हुआ हैं। (1)ब्रह्मचर्य (2)ग्रहस्थ(3)वानप्रस्थ(4)संयास. हर एक जीव के यही भाव होना चाहिए कि जब भी जीवन का अंत हो उससे पहले यह आत्मा संत हो.

ब्र.पद्माबाई अम्मा ने 85वर्ष की वृद्धावस्था में वैराग्य धारण कर अपने जीवन को सार्थक कर लिया है. इन सब वैरागियों ने आडुल का नाम रोशन करके उसे वैराग्य नगरी बना दिया है. आचार्य श्री ने व्रत के संस्कार देते हुए उनका नाम क्षुल्लिका निकांक्षाश्री रखा. नवदीक्षित निकांक्षाश्री माताजी के माता पिता बनने व उन्हें पिच्छी कमंडलु के साथ महाप्रसादी देने का सौभाग्य कंचनबाई के सुपुत्र -महावीर वर्धमान ,प्रतीक कासलीवाल परिवार ने प्राप्त किया. शास्त्र व पात्र भेंट पारसकुमार डा. राजकुमार ,कलशकुमार धरमचंद कासलीवाल परिवार ने किया.

वस्त्र भेंट शांता हुकुमचंद पाटनी पुणे, चंदाबाई हुकुमचंद पाटोदी औरंगाबाद ने किया. माला भेंट विलासचंद, हीरादेवी शिखरचंद आलोक, चेलना, स्वाति, पाटनी परिवार लासुर स्टेशन ने की. वहीं आचार्य श्री का चरण प्रक्षालन- अनूप कुमार अध्यक्ष, रमेश चंद बडजाते परिवार बोलठान ने किया. इस अवसर पर रोहिणी, प्रमोद पाटनी औरंगाबाद की 25 वीं वर्षगांठ पर निशुल्क बसों की व्यवस्था में योगदान दिया और आदिनाथ गोकुलधाम में चारा भेंट किया. सिडको से कैलास कासलीवाल ने बस प्रदान की. अडुल से डा. पी. के कासलीवाल ने बस व्यवस्था का मंच संचालन प्रकाश अजमेरा ,अशोक अजमेरा बबनलाल कासलीवाल ने किया.

दीक्षा महोत्सव में मंच पर आचार्य गुप्तिनंदी, गणिनी आर्यिका क्षमाश्री माता, आर्यिका आस्थाश्री माता, क्षुल्लक धर्मगुप्त, क्षुल्लक श्रवणगुप्त, क्षुल्लक विनयगुप्त, क्षुल्लिका धन्यश्री माता, क्षुल्लिका काव्यश्री माता, क्षुल्लिका तीर्थश्री माता, ब्र. केशर अम्मा, ब्र.आशा, ब्र.ऋषभ आदि अनेक त्यागी वृन्द उपस्थित थे.

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