Published On : Tue, Apr 16th, 2019

बेटी निकली मास्टर माइंड

Advertisement

नागपुर: प्रेम संबंधों के बीच आ रहे माता-पिता को रास्ते से हटाने के लिए बेटी ने ही अपने दिमाग का उपयोग किया. बड़े ही शातिर तरीके से अपने प्रेमी की मदद से उसने माता-पिता की हत्या करवाई. इस घटना से जहां पूरे शहर में हड़कंप मच गया है, वहीं सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस विभाग भी आश्चर्यचकित है. क्राइम ब्रांच ने शंकर (72) और सीमा चंपटी (64) की हत्या के मामले में उनकी बेटी प्रियंका उर्फ एश्वर्या चंपटी (23) और उसके प्रेमी मोहम्मद इखलाक खान (23) को गिरफ्तार कर लिया है.

प्रियंका आईटी में बीई करने के बाद आईटी पार्क में स्थित कृष्णा कंसल्टेंट नामक कम्पनी में काम करती है. वहीं इखलाक क्रिकेटर है. हाल ही में वह जिम्बाब्वे से एक टूर्नामेंट खेलकर लौटा है. शंकर के भाई विश्वनाथ के अनुसार प्रियंका 8 महीने की थी जब उसकी मां का देहांत हुआ. पिता ने दूसरी शादी कर ली. शंकर और सीमा को बच्चे नहीं थे. उन्होंने प्रियंका को गोद ले लिया. स्कूल के समय से ही इखलाक और प्रियंका के बीच प्रेम संबंध थे, लेकिन इस बारे में परिजनों को भनक तक नहीं थी. 4 माह पहले शंकर को प्रियंका के प्रेम संबंधों की भनक लगी.

Today’s Rate
Fri18 Oct. 2024
Gold 24 KT 77,700 /-
Gold 22 KT 72,300 /-
Silver / Kg 92,800 /-
Platinum 44000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

लड़का दूसरे समाज का होने के कारण परिजनों ने विरोध किया, लेकिन दोनों इखलाक को नहीं जानते थे. माता-पिता ने दत्तवाड़ी स्थित करोड़ रुपये का मकान और प्लाट बेचकर पुणे शिफ्ट होने का मन बना लिया. दलालों से संपर्क भी किया जा रहा था. इस बारे में प्रियंका ने इखलाक को बताया. दोनों ने सोचा कि यदि मकान बिक गया तो प्रियंका को पुणे जाना पड़ेगा. माता-पिता को प्रेम संबंधों के बीच आड़े देख दोनों ने मिलकर हत्या का प्लान बनाया.

Advertisement

खरबूजे में मिलाई नींद की गोली
प्रियंका और इखलाक ने पहले ही पूरी प्लानिंग कर ली थी. योजना के तहत रविवार की दोपहर प्रियंका ने खरबूज काटा. पानी में नींद की गोली मिलाकर खरबूजे में डाल दी. दोपहर 12.30 बजे के दौरान ‘खरीदारी करने जा रही हूं’ कहकर वह घर से निकली. खरबूज खाने के बाद शंकर और सीमा बेहोश हो गए. तभी इखलाख मुंह पर कपड़ा बांधकर घर पर पहुंचा. शंकर और सीमा का पालतू कुत्ता भौंके नहीं इसीलिए इखलाक के आने तक प्रियंका वहीं रुकी रही. उसने कुत्ते को संभाला और इखलाक घर के भीतर घुस गया. नारियल काटने के चाकू से उसने पहले शंकर की हत्या की. बाद में बेडरूम में सो रही सीमा को मौत के घाट उतारा.

रची लूटपाट की कहानी
किसी को संदेह न हो इसीलिए हत्या लूटपाट के चलते होने की कहानी रची गई. इखलाक ने घर का सारा सामान अस्त-व्यस्त कर दिया. अलमारी खोलकर कुछ जेवरात निकाल लिए. दोपहर का वक्त होने के कारण आसपास रहने वाले अपने घरों में थे. इसीलिए किसी ने इखलाक को वहां से जाते नहीं देखा. प्रियंका ने योजना के तहत कामठी में रहने वाली अपनी मौसेरी बहन को फोन किया. उसे अपने साथ शॉपिंग पर चलने को कहा. दोनों ने शाम 7.30 तक बिग बाजार में शॉपिंग की. रात 8 बजे के दौरान प्रियंका अपने घर पहुंची. वह सब कुछ जानती थी, इसके बावजूद जोर-जोर से शोर मचाकर पड़ोसियों को बुलाया. रिश्तेदारों को फोन कर घटना की जानकारी दी. तब तक इखलाक अपने घर पहुंचकर कपड़े बदलकर घूमने निकल गया था.

और डाटा होने लगा डिलीट
सीपी उपाध्याय ने खुद मौके पर पहुंचकर वाड़ी पुलिस सहित पूरी क्राइम ब्रांच को मामले की जांच कर आरोपी को ढूंढ निकालने के निर्देश दिए. डीसीपी नीलेश भरणे खुद पूरी जांच की निगरानी कर रहे थे. दिनदहाड़े इतनी बड़ी वारदात हो और किसी को कानोकान खबर न हो ऐसा नहीं हो सकता. इसीलिए पुलिस को किसी करीबी पर ही संदेह था. साइबर एक्सपर्ट की मदद से पुलिस ने प्रियंका का मोबाइल खंगाला. उसने 3 दिन पहले ही अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया था. वाट्सएप पर इखलाक के साथ हुई बातचीत और चैटिंग भी डिलीट कर दी थी. पुलिस ने उसका जी-मेल अकाउंट चेक किया, लेकिन उसमें से भी सारे ईमेल डिलीट किए जा चुके थे. ट्रैश (TRASH) की जांच करते वक्त पुलिस को ईमेल दिखाई दिए. जांच चल ही रही थी कि अचानक उसके ट्रैश से ईमेल डिलीट होने लगे और पुलिस का शक गहराया.

बदलती रही स्टेटमेंट
पुलिस ने प्रियंका पर ध्यान केंद्रित किया. प्रियंका ही इस मामले में फरियादी थी. इसीलिए शुरुआत में उस पर दबाव डालना संभव नहीं था. लेकिन पुलिस ने उससे जुड़े लोगों की डिटेल खंगाली और इखलाक का पता चला. इखलाक के पिता ट्रांसपोर्टर हैं. पुलिस उसके घर पहुंची तो वो नहीं मिला. फोन पर संपर्क करने पर वह क्राइम ब्रांच आने में आनाकानी करने लगा. शक गहराता गया और प्रियंका पर सवालों की बौछार हुई. वह अपना स्टेटमेंट बदलती रही और आखिर अपने माता-पिता की हत्या करवाने की कबूली दे दी. पुलिस ने इखलाक को भी गिरफ्तार कर लिया. वह वीसीए के लिए अंडर 16 और 19 टीम में खेल चुका है. कई विदेशी टूर्नामेंट में भी वह हिस्सा ले चुका है. डेढ़ महीने पहले ही वह जिम्बाब्वे से खेल कर लौटा है.

…तो नहीं होती इतनी बड़ी वारदात
जनवरी के पहले सप्ताह में शंकर अपने कुत्ते को घर के गेट पर बांध रहे थे. तभी उन्हें किसी के घर के भीतर होने का आभास हुआ. वो भीतर गए तो मुंह पर दुपट्टा बांधे आरोपी ने उनका गला दबाकर मारपीट की. सिर पर किसी ठोस वस्तु से भी वार किया और फरार हो गया. शंकर ने घटना की शिकायत वाड़ी पुलिस से की. वरिष्ठ नागरिक होने के बावजूद वाड़ी पुलिस ने एनसी दर्ज कर मामले को रफादफा कर दिया.

इसके 8 दिन बाद नई बाइक पर वही युवक मुंह पर दुपट्टा बांधे घर के बाहर दिखाई दिया. वह शंकर को घूर रहा था. शंकर ने दोबारा पुलिस को सूचना दी और बाइक का टेम्प्रेरी नंबर भी बताया, लेकिन फिर वही हुआ. वाड़ी पुलिस ने मामले की जांच नहीं की. वह लड़का और कोई नहीं बल्कि इखलाक था. यदि उसी समय वाड़ी पुलिस मामले को गंभीरता से लेती तो इतनी बड़ी वारदात नहीं होती.