शिवसेना पूर्व नागपूर के विधानसभा अध्यक्ष यशवंत गुड्डू रहांगडाले के नुसार
2019 नागपूर लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी नाना पटोले ओर शिवसेना-भाजपा युतीके उम्मेदवार नीतिन गडकरी में कांटे की टक्कर होने के बावजूद नीतिन गडकरी को जो बाकी विधानसभा के मुकाबले पूर्व नागपूर में जो लीड प्राप्त हुई है उसमें शिवसेना के शिवसैनिकों का योगदान अहम है,शहर में डीएमके फैक्टर हावी होने के बावजूद विकास के नामपर गडकरी के पक्ष में मतदान करने की अपील शिवसेना ने कर पूर्व में भाजपा को 75380 मतों की जो लीड प्राप्त हुई है उसमे शिवसैनिकों का निस्वार्थ भाव से किया गया काम है, लेकीन हर बार की तरह इस बार भी चुनाव उपरांत पूर्व नागपूर के आमदार कृष्णा खोपडे ने शिवसैनिकों की मेहनत को नजरअंदाज करते हुए केवल खुदको श्रेय देने का प्रयास है, जोकी गलत है.
शिवसैनिकों ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम किया,पूर्व नागपूर की गल्ली-गल्ली घूमकर शिवसेना-भाजपा का पत्रक छापकर युती के उम्मेदवार नीतिन गडकरी के लिए वोट मांगा, नुक्कड़ मीटिंगे ली गई, मोहल्ला बैठक की गई शिवसैनिक मानते है की,2014 के विधानसभा चुनाव में समय पर शिवसेना-भाजपा का गठबंधन न होने के कारण 25 सालों से चली आ रही युती टूट गई थी ओर दोनों दलों को अलग विधानसभा चुनाव लड़ना पडा था,ऐंन चुनाव के समय पर युती टूटने से नागपूर में भी शिवसेना को आनन-फानन में अपने प्रत्याशी उतारने पडे थे अब आगे भविष्य में युती नही होंगी.
यह सोच तब से अब तक पूर्व नागपूर के शिवसेना-भाजपा नेताओं में कडवाहट जरूर थी कई बार जुबानी जंग भी हुई, लेकीन पक्ष प्रमुख मा.उद्धवजी ओर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आपस में बैठकर जनता जनार्धन की भावनाओं का सम्मान करते हुए महाराष्ट्र के विकास साथ-साथ देशहित के लिए एकसाथ आने का फैसला किया तो सभी शिवसैनिकोंने उद्धवजी के इस फैसले का मनसे स्वागत करते हुए पूरी निष्ठा ओर ईमानदारी से युतिधर्म का पालन करते हुए लोकसभा 2019 के चुनाव में शिवसेना-भाजपा युती के उम्मेदवार नीतिन गडकरी के लिए पूर्व नागपूर में दिन-रात तन-मन लगाकर काम किया.
शिवसेना के लिए बूथ की व्यवस्था भाजपा की ओर से न होने के बावजूद विधानसभा संघटक यशवंत रहांगडाले के नियोजन नुसार पूर्व नागपूर के कुल 334 बूथों में से 200 बुथों पर शिवसैनिकों ने बूथ लगाकर शिवसेना-भाजपा युतिके के उम्मेदवार नीतिन गडकरी के लिए जनता से वोट मांगा ओर परिणाम भी उसी प्रकार से आए भी जिसकी अपेक्षा शिवसैनिकों ने की थी,बावजूद इसके चुनाव बाद किसी भी मंच पर आमदार कृष्णा खोपडे का शिवसैनिकों को श्रेय ना देना या शिवसेना नाम न लेना किस ओर ईशारा करता है समझ से परे है.
जोकी खुद पूर्व नागपूर की कई सभाओं में भाजपा कार्यकर्ताओं से ज्यादा शिवसैनिकों की संख्या होती थी जो की यह बात खुद मा.नीतिन गडकरी ने भी खुले मंच से देखी ओर मान्य भी की ओर कहा भी की इस बार शिवसैनिक पूरी ताकत से कामपर लगे है, जिसके लिए गडकरी ने जिल्हाप्रमुख प्रकाश जाधव को धन्यवाद भी कहा, भाजपा के लडने से पहले शिवसेना हमेशा से पूर्व नागपूर विधानसभा लडते आई है उदाहरण के लिए 2004 के विधानसभा चुनाव में युती के शिवसेना उम्मेदवार को 84000 मतदान प्राप्त हुआ था 10000 (दस हजार)मामूली अंतर से शिवसेना पूर्व से हारी थी ,भाजपा वाले यह न भूले की पूर्व में आज भी शिवसेना का कैडर वोट है,जिसका फायदा आज भी लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी को मिलता रहा है,इस बार फिर से शिवसेना-भाजपा युती के तहत पूर्व नागपूर विधानसभा शिवसेना के लिए छोडी जाएं यह मांग शिवसेना पक्षप्रमुख मा.उद्धव ठाकरे से की जाएंगी, ताकी पूर्व नागपूर में शिवसेना मजबूत की जा सके।