Published On : Wed, Jul 10th, 2019

एम्बुलेंस संचालक ने की हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत दर्ज, मामला 20 % कमीशन के ऐवज मे मरीजों को लाना

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नागपुर : नागपुर के हॉस्पिटल में कुछ दिनों से कई हॉस्पिटलों में मरीजों की मज़बूरी का लाभ उठाकर उनके पैसे से कमीशन देने का गोरखधंदे चल रहा है. नागपुर से सटे आसपास के दूसरे राज्यों के लोग भी अपने मरीजों को नागपुर लेकर आते है.

इनमे ज्यादातर मरीज मध्यप्रदेश के होते है. शहर के ज्यादतर हॉस्पिटलों में मध्यप्रदेश के ही मरीज आपको दिखाई देंगे. ऐसा ही एक निजी हॉस्पिटल का मामला शहर में गरमा रहा है. कुछ दिनों से शहर के एक बड़े हॉस्पिटल के डॉक्टर, कोऑर्डिनेटर और एम्बुलेंस संचालक के बीच ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हो रही है.

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जिसमे हॉस्पिटल के डॉक्टर, कोऑर्डिनेटर और एम्बुलेंस के संचालक के साथ बातचीत में एम्बुलेंस संचालक को डॉक्टर और कोऑर्डिनेटर उनके हॉस्पिटल में मरीज लाने पर 20 परसेंट का कमीशन देने की बात कर रहे है. इस पुरे बातचीत में डॉक्टर और कोऑर्डिनेटर मानेवाड़ा स्थित ग्रीन केयर हॉस्पिटल में कार्यरत होने की बात कर रहे है. बातचीत करनेवाले डॉक्टर ने अपना नाम डॉ. नीलेश बताया है और कोऑर्डिनेटर ने अपना नाम उर्वशी बताया है. एम्बुलेंस की सेवा देनेवाले रिंकू रितेश चौरसिया ने सभी बातचीत की रिकॉर्डिंग वायरल की है और मध्यप्रदेश के परासिया पुलिस थाने में हॉस्पिटल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.

इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र मेडीकल कौंसिल, एमएमसी मुंबई, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, फॅमिली वेलफेयर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से भी शिकायत की है. शिकायतकर्ता रिंकू रितेश चौरसिया एम्बुलेंस के माध्यम से समाजसेवा करते है. उनका ‘ जागते रहो ‘ व्हाट्सप्प ग्रुप एम्बुलेंस सेवा नो प्रॉफिट नो लॉस पर मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचाने का काम करती है. पिछले हफ्ते उनके मोबाइल पर हॉस्पिटल की कोऑर्डिनेटर उर्वशी का फ़ोन आया और उनसे कहा गया की अगर मरीज को उनके हॉस्पिटल में लाया जाता है तो उन्हें 20 प्रतिशत कमीशन मिलेगा.

10 हजार रुपए नकद मिलेंगे. कोऑर्डिनेटर का कहना था की उनके यहां ज्यादातर मरीज भर्ती होनेवाले रहते है. ऐसे में उन्हें 20 कमीशन मिलेगा. इस बारे में ज्यादा पूछताछ करने पर हॉस्पिटल के ही डॉक्टर नीलेश से बात कराई गई. डॉक्टर नीलेश ने एम्बुलेंस संचालक से कहा की उनको मरीज को भर्ती करने पर 20 परसेंट कमीशन दिया जाएगा.अगर मरीज का बिल एक लाख रुपए होता है तो उसमे से उन्हें दिया जाएगा. डॉ. नीलेश ने एम्बुलेंस संचालक चौरसिया को बताया कि हार्ट की बिमारी को छोड़कर उनके यहां सभी मरीजों का इलाज किया जाता है. जनसेवा करने के कारण रिंकू ने इसकी शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज करा दी.

इस पुरे मामले में ग्रीन केयर हॉस्पिटल के संचालक डॉ.अनिल बड़वाईक से जब बात की गई तो उन्होंने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा की हॉस्पिटल में इस तरह का काम नहीं किया जाता. जिन डॉक्टर और कोऑर्डिनेटर का आप नाम बता रहे है वे इस हॉस्पिटल के नहीं है. हमें किसी भी मरीज को हॉस्पिटल में लाने के लिए कमीशन देने की जरुरत नहीं है. उन्होंने कहा की एम्बुलेंस चालक के खिलाफ भी उन्होंने शिकायत दर्ज की है.

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