नागपुर: साल 2011 में नागपुर शहर के तीन क्षेत्रों में बिजली वितरण का कार्य निजी कंपनी एसएनडीएल को दिया गया था.शहर के तीन जगहों की फ्रैंचाइज़ी इस कंपनी को दी गई है. जिसमे महाल, गांधीबाग और सिविल लाइन शामिल है. इसके तहत लाखों ग्राहक भी है. यह कंपनी जब से शहर में आयी है. तभी से ग्राहकों को हजारों रुपए का बिजली का बिल दिया जा रहा है. ऐसे शहर में रोजाना सैड़कों मामले सामने आ रहे है. ऐसे ही एक मामले में मानेवाड़ा रिंग रोड के साईनगर में रहनेवाले ग्राहक निबंद श्रीवेश्वर विनोद को एवरेज बिल के नाम पर जुलाई महीने का 25,000 रुपए का बिजली बिल भेजा गया है. ग्राहक के अनुसार उनके यहां दो मीटर है. एक उनके नाम पर है और दूसरा जिनसे उन्होंने घर ख़रीदा उनके नाम से है.
एक बिल 18,040 रुपए का दिया गया है. जबकि दूसरा बिल 7,310 रुपए का दिया गया है. जबकि ग्राहक का कहना है कि उनका इतना उपयोग भी नहीं है. इस बारे में जब वे तुकडोजी चौक स्थित एसएनडीएल के ऑफिस गए तो कर्मचारियों का कहना था कि उनके घर में लॉक लगा था. इसलिए एवरेज बिल भेजा गया है. कर्मचारियों ने उनके घर की जो फोटो दिखाई है. वह भी उनके घर की नहीं है.फोटो में गेट की ओर ही घर का दिखाया गया है. ग्राहक ने कर्मियों से इस दौरान कहा कि आप फिर चलिए और मीटर रीडिंग ले लीजिये. लेकिन इससे कर्मियों ने इंकार करते हुए कहा की आप रीडिंग लिखकर लाईये. इस बिल में सुधार करने की बात जब ग्राहक ने की तो उनसे कहा गया की पहले बिल भर दीजिये. उसके बाद देखंगे. जिसके बाद उन्हें जबरन अनावश्यक बिजली बिल भरना पड़ा.
लाखों ग्राहक त्रस्त है कंपनी की कार्यप्रणाली से
ऐसा नहीं है की यह केवल एक ही मामला है ऐसे सैकड़ो मामले है. जो एसएनडीएल कंपनी के बिजली बिल के कारण परेशान है. लेकिन कंपनी की ओर से उनकी कोई सुध नहीं ली जा रही है. झोपड़पट्टियों में रहनेवाली जनता, कॉलोनियों में रहनेवाले लोग हो या फिर छोटे बड़े व्यवसायी सभी इस कंपनी के बिजली बिल को लेकर परेशान है. पिछली सरकार में इस कंपनी का विरोध करनेवाली पार्टी आज सत्ता में है. लेकिन उसे भी ग्राहकों की परेशानी नजर नहीं आ रही है.
एसएनडीएल कार्यालय में त्रस्त ग्राहकों की नहीं होती कोई भी सुनवाई
बिजली का कार्य जब एमएसईडीसीएल के हाथों में था. तो उस समय अगर ग्राहको बिल से सम्बंधित शिकायत आती थी. तो उस ग्राहक के पुराने बिल के आधार पर उसको नया बिल दिया जाता था. लेकिन एसएनडीएल में इसकी उम्मीद करना बेमानी है. अगर आपको बिल से सम्बंधित कोई परेशानी है. तो एसएनडीएल ऑफिस पहुंचकर आपको सिवाय निराशा के और कुछ नहीं मिलनेवाला है. ग्राहकों को वहां जाकर बताया जाता है की यूनिट देखिए यूनिट के अनुसार ही बिजली का बिल भेजा गया है. जिसके कारण ग्राहक भी परेशान और बिल भरने के लिए मजबूर हो जाता है.
बिल कम होंगे कहकर बिकवा दिए लाखों रुपए के एलईडी बल्ब
बिजली बिल कम करने के लिए कुछ सालों पहले एसएनडीएल बिजली ऑफिस के बाहर एलईडी बल्ब ग्राहकों को बेचे गए थे. इसको लेकर ग्राहकों से यह कहा गया था कि इससे बिजली के बिल कम आएंगे. लेकिन उसका भी कोई लाभ ग्राहकों को नहीं हुआ. ग्राहकों का कहना है कि सरकार ने बल्ब बेचने के लिए ही यह तकनीक अपनायी थी. सरकार ने एलईडी को लेकर काफी प्रचार भी किया था. बल्ब तो बिक गए लेकिन ग्राहकों की परेशानी जैसी की वैसी बनी हुई है.
अब तक कई बार हो चुके है कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन
एसएनडीएल कंपनी को लेकर शहर के विभिन्न भागों में इतने सालों में प्रदर्शन, उग्र प्रदर्शन भी हो चुके है. कांग्रेस सरकार में भाजपा सरकार के कुछ विधायकों ने एसएनडीएल के ऑफिस में काफी उग्र प्रदर्शन भी किए थे और कंपनी को हटाने की मांग भी की थी. लेकिन सरकार के बदलते ही इस सरकार ने एसएनडीएल पर कोई निर्णय नहीं लिया है.
‘ नागपुर टुडे ‘ की बिजली बिल से त्रस्त नागरिकों से अपील
‘ नागपुर टुडे ‘ हमेशा से ही शहर के नागरिकों की समस्याओ को निष्पक्ष तरीके से सामने लाने का प्रयास करता रहा है. बिजली बिल से त्रस्त शहर के नागरिकों की समस्याओ को सभी के सामने लाने के लिए ‘नागपुर टुडे ‘ जनता से यह अपील करती है कि बिजली बिल की समस्या पर अपना बिजली बिल का विडिओ और अपनी समस्या का वीडियो बनाकर हमारे पास भेजे. हम आपकी समस्या निष्पक्ष तरीके से हमारे समाचार के माध्यम से दिखाएंगे.