Published On : Mon, May 5th, 2014

मूल : ‘साथ जिएंगे- साथ मरेंगे’ वचन देनेवाला युवक पुलिस की गिरफ्त में

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मूल

साथ जिएंगे – साथ मरेंगे का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने वाले प्रेमी को शादी के लिए ना बोलने पर उसे जेल की हवा खानी पड़ी.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मूल तालुका के चिखली गांव के आदिवासी समाज की पीड़िता जब नौवी कक्षा में पढ़ती थी, तभी उसे अपने ही गांव के लीलाधर बलिराम कलस्कर (24) के साथ प्रेम हो गया था. फिलहाल पीड़िता एक वरिष्ट महविद्यालय में कला वर्ष प्रथम पढ़ रहीं है. चार साल से चल रहे प्रेम बंधन में पड़ जाने के बाद लीलाधर ने लकड़ी के साथ जिएंगे, साथ मरेंगें की कसम खाई थी. शादी की उम्र होते ही शादी करने का आश्वासन देकर लीलाधर उस लडकी को कभी घर पर, तो कभी कहीं दूसरे स्थान पर बुलाकर शारीरिक संबंध भी स्थापित करने लगा.

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इस दौरान लड़की कम उम्र में जब गर्भवती हुई, तब लीलाधर ने उसका गर्भपात भी कराया. पहली बार ही गर्भपात करने के बाद भी लीलाधर उस लडकी के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करता ही रहा. इससे युवती को एक बार फिर गर्भ ठहर गया. तब लडकी ने लीलाधर को शादी करने के लिए कहा और गर्भपात का विरोध भी किया. लेकिन लीलाधर ने पीड़िता को मार्च 2014 में शादी करेंगे, यह आश्वासन देकर दूसरी बार भी गर्भपात करा दिया.
मार्च के बाद अप्रैल माह खत्म हुआ,इसके बाद भी लीलाधर शादी के लिए नकारता रहा. तब पीड़िता ने इस प्रकरण के बारें में अपने माता पिता को बताया। जब लड़की के माता-पीता ने लीलाधर से शादी करने का आग्रह किया, तब लीलाधर ने आदिवासी लड़की होने के कारण उससे शादी करने से मना कर दिया और पीड़िता को सारे कसम और वादे भूल जाने की सलाह दे डाली.

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तब पीड़िता के अभिभावकों ने इस प्रकरण को ग्राम तंटामुक्त समिति के आगे रखी. तंटामुक्त समिति के पदाधिकारियों ने लीलाधर को समझाने का प्रयत्न किया, परन्तु लीलाधर ओर उसके परिवार को तंटामुक्त समिति का निपटारा मान्य नहीं हुआ.

तब पीडित लडकी ने पुलिस स्टेशन, मूल में लीलाधर ने शादी के लिये भ्रमित कर शारीरिक संबंध स्थापित करने की शिकायत दर्ज कराई।पीड़ित लड़की की शिकायत पर मूल पुलिस ने लीलाधर के खिलाफ भादवि की धारा 376, 417, 2 (एन), अनुसूचित जाति-जमाती अत्याचार निरोधी क़ानून के तहत मामला दाखिल कर लीलाधर को गिरफ्तार कर लिया.

फ़िलहाल लीलाधर मूल पुलिस के जेल में हवा खा रहा है. आगे की जांच उपविभागीय पुलिस अधिकारी बाबाराव महामुनी के मार्गदर्शन में पौनी रामटेके कर रहे हैं.

Representational Pic

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