यवतमाल
खंड विकास अधिकारी के विकास विरोधी रवैए से बाभुलगांव तहसील के परेशान सरपंचों ने शुक्रवार 23 मई को बाभुलगांव की पंचायत समिति के मुख्य प्रवेश द्वार पर अपनी मांगों को लेकर ताला ठोंक दिया.
नए प्रशासकीय कार्यों को मंजूरी न देने, रोजगार सेवकों का मानधन नहीं देने आदि कारणों से सरपंच संगठन परेशान है. तहसील में पं.स. के अंतर्गत ग्रामसभा के प्रस्ताव के अनुसार विविध कामों को प्रशासकीय मंजूरी देने के लिए सरपंच संगठन द्वारा बार-बार मांग की जाती है, खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन भी दिया गया, फिर भी प्रस्तावित काम मंजूर नहीं किए गए. साथ ही प्रलंबित बिल भी नहीं निकालने दिए गए, ग्राम रोजगार सेवकों का छह माह का मानधन भी नहीं दिया गया. ऐसे में विकास कार्य नहीं होने के कारण सरपंच तथा ग्रामपंचायत सदस्य परेशान हो गए हैं. आज पंचायत समिति में जि.प. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मल्लिनाथ कलशेट्टी के आने की जानकारी संगठन को मिली. इसलिए सरपंच संगठन के पदाधिकारी अपनी मांगों का ज्ञापन लेकर पंचायत समिति पहुंचे. पर ऐन वक्त पर सीईओ का दौरा रद्द हो जाने से संगठन के नाराज सदस्यों ने पंचायत समिति कार्यालय पर ताला ठोंक दिया.
घटना की जानकारी मिलते ही जिला ग्रामीण विकास विभाग के प्रकल्प संचालक विनय ठमके, मनरेगा के अधिकारी पठारे, कृषि अधिकारी संजय वानखेड़े बाभुलगांव पहुंचे और संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा की. उन्होंने खंड विकास अधिकारी को उचित निर्देश देकर काम में गति लाने के निर्देश दिए गए. चर्चा के उपरांत बिल निकालने का आश्वासन मिलने के बाद सरपंच संगठन ने अपना आंदोलन वापस लिया.
इस अवसर पर सरपंच संगठन के अध्यक्ष प्रदीप हजारे, शैलेश गुल्हाने, डॉ. बबन बोंबले, गिरीधर शिंदे, मारोतराव राऊत, बबलू दातारकर, आशीष गावंडे, सुधीर कडूकार के साथ अन्य पदाधिकारी, ग्राम रोजगार सेवक उपस्थित थे.