ग्रामीण भागों में ऑटो में एक साथ सफर करते हैं 20 से 25 प्रवासी
वरोरा
टेमुर्डा से आजनगांव, नागरी, माढेली, सोईट, शेंबल, नांदोरी, शेगांव, चिमूर ऐसे ग्रामीण क्षेत्र के रास्तों से ऑटोरिक्शा में 20 से 25 प्रवासी सफर करते है. इतने प्रवासी एक ही ऑटोरिक्शा में बैठाए जाने से हादसों का ख़तरा होता है. इस तरह के कई हादसे हुए भी हैं. यह सब ट्रैफिक नियंत्रण पुलिस के नजर के सामने हो रहा है लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हुए है.
ग्रामीण क्षेत्र के ऑटोरिक्शा धारकों को 10 प्रवासी ले जाने की इजाज़त दी गई है. ग्रामीण क्षेत्र के सभी रास्तों से करीब दो सौ ऑटो चलते है. शादी समारोह के दिन होने से नागरिक बस की राह न देखते हुए ऑटोरिक्शा तथा ट्रैक्स से प्रवास कर रहे है. बस का कोई मुख्य समय न होने से नागरिक बड़े पैमाने में ऑटोरिक्शा, ट्रैक्स का इस्तेमाल करते है. ऐसे में जिसके घर में शादी समारोह हो वह व्यक्ति ऑटोरिक्शा भाड़े से 20 से 25 प्रवासी ऑटोरिक्शा तथा ट्रैक्स में बैठाते है. ऑटो की खिड़की में तथा कुछ प्रवासी ऑटोरिक्शा के पीछे खड़े होकर प्रवास करते है. तथा जगह न होने पर ऑटोरिक्शा चालक के बगल में कुछ प्रवासी को बैठाया जाता है. इस वजह से चालक का नियंत्रण बिगडता है. इसकी वजह से हुए हादसों में कई लोगों की जान गई तथा कई लोग गंभीर जख्मी भी हुए है. यह सब पुलिस विभाग को पता होने के बावजूद पुलिस विभाग इस मामले को नजर अंदाज कर रहा है. वाहतूक नियत्रण पुलिस सभी रास्तों पर खड़े रहकर हर माह हफ्ता वसूली करना नहीं भूलते. पुलिस की मेहरबानी से ही ऑटोरिक्शा व ट्रैक्स वालों की मनमानी शुरू है.
जानकारी के अनुसार ऑटोचालक व ट्रैक्सचालक से बात करने पर उन्होंने सीधी उंगली पुलिस विभाग की तरफ दिखाकर ऑटोरिक्शा 600 /- तथा ट्रैक्सचालक के तरफ से 800 /- हर हप्ते लिए जाते है ऐसा बताया.
गौरतलब है की ऑटोरिक्शा तथा ट्रैक्स के भीड़ से महिलाओं तथा युवतियों के साथ छेड़छाड़ की भी घटनाए हो ताहि है. पुरुष भीड़ का फायदा उठाकर महिलाओं के साथ खेड़छाड़ करने की चर्चा हो रही है.