मामला ग्राम विकास से संबंधित
चंद्रपुर जिले की 224 ग्रा. पं. शामिल
चंद्रपुर
पर्यावरण संतुलित ग्राम समृद्धि योजना के तहत बेहतर काम करने वाली ग्राम पंचायतों के लिए सरकार से भेजी गई 1.95 करोड़ की राशि को खर्च ही नहीं किया गया है. ग्रामविकास व जलसंधारण विभाग के सचिव ने निधि खर्च नहीं करने पर मुख्य कार्यपालनाधिकारी (सीईओ) से जवाबतलब किया है. इस बीच, खबर है कि सीईओ ने कुछ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.
विकास का कोई काम नहीं हो सका
राज्य में वर्ष 2010-11 से पर्यावरण संतुलित ग्राम समृद्धि योजना लागू की गई है. जिले की अनेक ग्राम पंचायतों ने इसमें हिस्सा लिया था. वर्ष 2012-13 में जिले की 224 ग्राम पंचायतों की पड़ताल के बाद उन्हें प्रथम, द्वितीय और तृतीय क्रमांक दिया गया. जनसंख्या के हिसाब से इन ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए निधि देने का प्रावधान सरकार ने किया था. वित्तीय वर्ष 2012-13 में पर्यावरण समृद्धि योजना की पात्र ग्राम पंचायतों के लिए जिला परिषद को 1करोड़ 95 लाख रुपया दिया गया. इस निधि से रोपवाटिका, स्वच्छता, गांव के गंदे पानी की निकासी, मलनिस्सारण, गटर, पथदीप, सौर पथदीप, अपारंपरिक ऊर्जा विकास आदि काम किए जाने थे. प्राप्त अनुदान ग्राम पंचायतों को वितरित कर योजनाओं को लागू करना था. जिला परिषद के तत्कालीन सीईओ संपदा मेहता ने पंचायत विभाग को एक आदेश जारी कर 224 ग्राम पंचायतों को निधि वितरित करने को कहा भी था. उसके बाद आदेश के मुताबिक पंचायत विभाग ने बीडीएम की मार्फ़त राशि के वितरण और भुगतान के लिए बिल वित्त विभाग को भेज दिया था. लेकिन वित्त विभाग ने निर्धारित अवधि में बिल कोषागार कार्यालय को नहीं भेजा.
इसके चलते राशि का भुगतान नहीं हो सका.
कारण बताओ नोटिस जारी
इसका अर्थ यह हुआ कि बीडीएम की अवधि खत्म हो गई. अवधि खत्म होने के बाद भी बीडीएम के द्वारा अवधि बढाकर मार्च अंत में निधि की मांग कर खर्च किया जा सकता था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसके चलते जिला परिषद और ग्राम पंचायतों का भारी नुकसान हुआ. निधि खर्च नहीं होने की बात सामने आने पर सीईओ ने कुछ लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अब इस पूरे मामले की जांच की जानी है.