योजना तैयार; रोजगार मिलेगा और पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकेगा
साकोली
नागझिरा-नवेगांव बांध परियोजना के अंतर्गत आनेवाले 10 गावों में पर्यटन से होने वाली आय का 50 प्रतिशत हिस्सा खर्च किया जाएगा. इससे स्थानीय युवकों को गाइड बनने का अवसर दिया जाएगा. इन युवकों को विदेशी पयटर्कों को आकर्षित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था भी की जाएगी.
ऐसी कई योजनाओं के साथ नागझिरा व्याघ्र प्रकल्प फाउंडेशन का बजट हाल ही में वन मंत्रालय में प्रस्तुत किया गया. इस सन्दर्भ में हुई बैठक में वनमंत्री पतंगराव कदम, वनसचिव प्रवीण परदेशी, वनसंरक्षक संजय ठवरे, उपवनसंरक्षक एस. वी. कटोरे तथा अन्य अधिकारी सम्मलित हुए.
उल्लेखनीय है कि यह प्रकल्प 654 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें चार अभ्यारण्य और एक नवेगांव बांध उद्यान मिलाकर पांच वनक्षेत्रों का समावेश किया गया है. इस प्रकल्प को 40 लाख रुपयों की वित्तीय सहायता वन सचिव प्रवीण परदेशी ने अधिकारी -पदाधिकारियों की उपस्थिति में दी.
इस समय इस क्षेत्र में आने वाले 10 गांव कोडेबरा, मंगेज़री, थतेझरी, पिटेसरी, चोरखमरा, उमरझरी कुलपा , कोका, खोबा और पितंबराटोला का सूक्ष्म प्रारूप बनाया गया है. इन गांवों का शत-प्रतिशत विकास और युवकों को गाइड बनाने का अवसर देकर रोजगार सृजन किया जाएगा. विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गाइडों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित किया जाएगा. इन दिनों नागझिरा और नवेगांव व्याघ्र प्रकल्प में गाइड की संख्या 100 है, जो आगे बढ़ने वाली है. पर्यटन से होने वाली कुल आय का 50 प्रतिशत धन नागरिकों के हितों पर खर्च किया जाएगा. यहां के तालाबों में मछली मारने की छूट दी जाएगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके.
आने वाले दिनों में इको टेंट, टाइगर लाइफ स्टडी, टाइगर टच विलेज की संकल्पना का भी प्रस्ताव है, जिससे यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन स्थल बन सकें. इसके साथ ही नागझिरा अभ्यारण्य का कामकाज भंडारा, गोंदिया व नागपुर मिलकर चला रहे हैं. वन मंत्रालय का एकमात्र उद्देश्य यही है कि यहां पर पर्यटन को बढ़ावा मिल सके.