बातचीत में नहीं निकला कोई हल, 400 कर्मचारियों ने किया आंदोलन
भद्रावती (चंद्रपुर)। कर्नाटका एम्टा कोयला खदान के कर्मचारियों ने आज 22 सितंबर से बेमुद्दत काम बंद आंदोलन शुरू कर दिया. विभागीय कामगार आयुक्त नागपुर द्वारा बुलाई गई कोयला खदान के प्रबंधन और कामगार यूनियन की बैठक में कोई हल नहीं निकलने के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी. इस कोयला खदान में 400 कर्मचारी हैं. इस हड़ताल के चलते कोयला खदान को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है.
कंपनी और कामगार संगठन के बीच हुआ करार 31 अक्तूबर 2013 को खत्म हो गया था. इसके बाद खदान में कार्यरत कैप्टयू कोयला मजदूर कांग्रेस (इंटक) और राष्ट्रीय कोयला कामगार संघ ने एकत्र आकर कंपनी के साथ नए करार का प्रस्ताव किया था. लेकिन कंपनी ने नया करार करने के बजाय कर्मचारियों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. खान परिसर की कैंटिन बंद कर दी गई. 25 डंपर आॅपरेटरों का तबादला अन्य राज्यों में कर दिया गया.
इसके बाद कामगार संगठनों और कंपनी प्रबंधन के बीच कई बार बातचीत हुई, मगर कोई समझौता नहीं हो सका. 3, 10 और 12 सितंबर को विभागीय कामगार आयुक्त ने
कंपनी प्रबंधन और कामगार संगठनों के बीच सुलह के लिए बैठक आयोजित की, मगर कोई समझौता नहीं हो सका. आज अंतिम बार भी बातचीत बेनतीजा ही खत्म हो गई.
आंदोलन आरंभ होने के बाद भी खान प्रबंधन ने आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की. खान शुरू करने के लिए बाहर के कर्मचारियों को लाया गया, मगर आंदोलनकर्ताओं ने उन्हें समझा-बुझाकर लौटा दिया. शाम को हुई कर्मचारियों की सभा को माजरी क्षेत्र के इंटक नेता धनंजय गुंडावार और संजय दुबे के भाषण हुए. इस अवसर पर वणी एरिया सुरक्षा समिति के जी. विजयकुमार, नागपुर-वर्धा क्षेत्र के भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के सचिव के. के. सिंह, इंटक वणी एरिया के लक्ष्मण सादलावार आदि कामगार नेता उपस्थित थे.