लाखनी (भंडारा)। लाखनी, तालुका के मुख्यालय का शहर है. यहां के ग्रामीण रुग्णालय में आसपास के गांवों के मरीज इलाज कराने आते हैं. मगर यही रुग्णालय जब बीमार है तो वह ग्रामीणों का उपचार कैसे कर सकता है. नई नवेली बिल्डिंग में चल रहे इस अस्पताल में न पीने के पानी की सुविधा है और न ही आॅपरेशन थियेटर का काम पूर्ण हो पाया है. एक्स रे मशीन भी टेक्नीशियन के अभाव में धूल खाते पड़ी है.
इस ग्रामीण रुग्णालय की इमारत जब बहुत अधिक जीर्ण हो गई तो अस्पताल ने नया भवन बनाया. उसी में अब यह अस्पताल चल रहा है. भवन को बने एक साल होने के बाद भी पानी की सुविधा अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है. आॅपरेशन थियेटर का काम भी अधूरा पड़ा है. कोई ऐसा मरीज आ गया जिसे तुरंत आॅपरेशन की जरूरत हो तो उसे भंडारा ही भेजना पड़ता है.
ग्रामीण रुग्णालय में डॉक्टरों के पद भी रिक्त पड़े हैं. जरूरत तो चार डॉक्टरों की है, मगर वैद्यकीय अधीक्षक के अलावा शालेय स्वास्थ्य योजना के दो डॉक्टरों के भरोसे यह अस्पताल चल रहा है. ग्रामीण रुग्णालय के एक डॉक्टर को प्रतिनियुक्ति पर पवनी भेजा गया है. ग्रामीण रुग्णालय में रोज चार से साढ़े चार सौ मरीज आते हैं, मगर डॉक्टरों के अभाव में उनका इलाज ठीक से नहीं हो पाता. अस्पताल में दो वार्ड हैं और परिचारिकाओं की संख्या 7 ही है. इसके चलते उन्हें भी तनाव के बीच काम करना पड़ता है.
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