नांदेड जेल में था बंद
माहुर (नांदेड)। तहसील के सिंदखेड़ा पुलिस थाने की सीमा सारखनी के बाजार में कथित नकली नक्सलवादी होने की बात सामने आने से यवतमाल जिले के महागांव पुलिस ने कथित नक्सली की पुलिस रिमांड ली है. वह पहले नांदेड जेल में था मगर महागांव थाने के फुलसावंगी के 5 व्यापारियों को माववादी संघटन के बिट क्र.36 के कमांडर रामक्रिया बाली के आदेश से खंडणी मांगी गयी थी. आज उसे उमरखेड न्यायालय में पेश कर उन सभी को फिरसे न्यायालयीन हिरासत में भेजा गया.
सारखनी के व्यापारी पवन जैसवाल के नौकर के हांतो 16 जुलाई को जिंदा कारतूस, देशी कट्टा और 10 लाख की खंडणी मांगने की चिठ्ठी दी गयी थी. ऐसा ही पत्र महागांव के फुलसावंगी के बालाजी कृषि केंद्र, पांडे भुसार केंद्र,सई एग्रो एजेंसी,दत्तकृपा कृषि केंद्र,गौरीशंकर कृषि केंद्र,जैसवाल भुसार मार्केट इन व्यापारियों को कमांडर रामक्रिया के पत्र मिले थे. इस में पुलिस ने 2 मामले दर्ज किये थे मगर कोई आरोपी नहीं मिला। मगर सारखनी में यह जाली नक्सली पकडे जाने के बाद स्थानीय युवा इंद्रल चव्हाण, अब्दुल मोहिल, फैयाज धाममाड़े, शेख इकबाल, टिन्नू उर्फ़ संदीप राठोड आदि ने जाली नक्सली बनकर यह धमकी पत्र दिया था, यह बात उजागर हो गई.
पीसीआर के बाद आरोपी को किनवट न्यायालय के आदेश से न्यायालयीन हिरासत में नांदेड जेल रखा गया था. मगर महागांव थानेदार ने इस मामले में फुलसावंगी के धमकीपत्र में यही आरोपी है क्या? यह जांचने के लिए फिर पुलिस को सौपने की मांग की थी. मगर इन आरोपियों से पुछताछ करने के बाद इन लोगों का उसमें हाथ नहीं होने की बाद पता चली जिसमें उन्हें फिर जेल भेज दिया गया.
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