वर्धा। एक ठेकेदार के सुपरवाइजर से बिल पास करने के एवज में नगराध्यक्ष ने पुत्र व कनिष्ठ अभियंता ने 30 हजार रुपये की रिश्वत माँग कर स्वीकारने के बाद एसीबी वर्धा ने दोनों को रिश्वत लेने के जुर्म में धर दबोचा. वर्धा शहर पुलिस थाने में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस कार्यवाही के बाद से नगरपालिका परिसर में हड़कम्प मचा हुआ है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता एक ठेकेदार के पास सुपरवाइजर के रूप में काम करते हुए वर्धा जिले के नगरपालिका से ठेकेदार द्वारा लिए गए कार्य को पूर्ण करवा कर बिल पास करवाना था. उक्त किए गए कार्य की नाप-जोख व देखरेख करने का कार्य न.प. निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता (स्था.) अतुल पाटिल के अधीन था. वहीं उस कार्य के बिल पास करने के लिए नगराध्यक्ष कुत्तरमारे के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है. शिकायतकर्ता से पूर्ण किए गए कार्य का बिल पास करवाने के एवज में नगराध्यक्ष कुत्तरमारे के पुत्र प्रशांत कुत्तरमारे (निजी व्यक्ति) व कनिष्ठ अभियंता ने 30 हजार रुपये की रिश्वत माँगी. शिकायतकर्ता ने जिसकी शिकायत वर्धा के एसीबी से कर दी. उक्त शिकायत के आधार पर जाँच आरंभ की गई. 16 दिसम्बर को वर्धा के एसीबी की टीम नगर पालिका वर्धा में जाल बिछायी. कनिष्ठ अभियंता अतुल पाटिल द्वारा 30 हजार रुपये स्वीकार करने के साथ ही एसीबी ने उसे दबोच लिया. कनिष्ठ अभियंता व प्रशांत कुत्तरमारे के खिलाफ वर्धा शहर पुलिस थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
उपरोक्त कार्यवाही पुलिस उप अधीक्षक, अनिल लोखंडे, पुलिस निरीक्षक सारीन दुर्गे, पुलिस निरीक्षक प्रदीप चौगावकर, स.फौ. देशमुख, पुलिस हवलदार भल्लारकर, गिरीश कोरडे, नरेन्द्र पाराशर, मनीष घोड़े, कदम के साथ पूरी टीम ने की.