चिखली (वर्धा)। मौजा चिखली के किसान के खेत के मार्ग की समस्या पर सात महीने का समय होने के बावजूद यहाँ के तलाठी ने जांच रिपोर्ट तहसील कार्यालय को नहीं दी. तलाठी के सुस्त कार्य से निलंबित करने ने की मांग.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मौजा चिखली के किसान चंपत नानाजी पाटनकर के बेटे के नाम पर चार एकड कोरडवाह खेत चिखली परिसर में है. चंपत नानाजी पाटणकर ने 12 मई 2014 को देवली के तहसीलदार को खेत के मार्ग (पानदान) की समस्या पर शिकायत की. नायब तहसिलदार ने 17 मई 2014 को जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए चिखली के तलाठी आड़े को पत्र दिया. तलाठी आड़े ने सात महीनों के बाद भी तहसील कार्यालय को जांच की रिपोर्ट नहीं दी. किसान चंपत नानाजी पाटणकर ने तहसील कार्यालय से संपर्क किया और अपनी शिकायत बताई. किसान अधिकार अभियान के तालुका सचिव किरण राउत ने देवली के तहसीलदार कुंवर से मुलाकात की और इस संदर्भ में पुछताछ की.
चिखली के तलाठी आड़े ने मौका जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने की बात सामने आई. किसान अधिकार अभियान के कार्यकर्ताओं ने संबंधित प्रकरण के लिए तुरंत कार्रवाई करने की मांग की. देवली के तहसीलदार कुंवर ने नायब तहसीलदार यादव को चंपत नानाजी पाटणकर के प्रकरण पर कार्रवाई करने की सुचना दी. चिखली के तलाठी आड़े ने सात महीनों से मौका जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत क्यों नही की ? इससे संदेह निर्माण होता है. खेत के रास्ते के अभाव में किसान ने सोयाबीन फसल नही की. जिससें किसान को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. संबंधित तलाठी आड़े मौका जांच रिपोर्ट प्रकरण में दोषी होने की बात किसान अधिकार अभियान के तालुका सचिव किरण राउत को पता चली है.
सात महीनों का समय होकर भी मौका जांच रिपोर्ट पेश नही करने पर तलाठी आड़े के निलंबन की मांग उपविभागीय अधिकारी साहब को किसान अधिकार अभियान तालुका देवली कार्यकारणी के ओर से की गई ऐसी जानकारी तालुका सचिव किरण राउत ने दी है.