कन्हान (नागपुर)। राज्य शासन ने पद्दोनीति के आरक्षण संदर्भ में मॅट ने लिए निर्णय के खिलाफ कोई ठोस भूमिका नही निभाई. जिससे विभाजन कर्मचारी 15 मार्च को व्हेरायटी चौक नागपुर में गांधी पुतले के सामने आंदोलन करेंगे.
बता दे कि मागासवर्गीय कर्मचारियों के पद्दोनीति का आरक्षण कानून 25 मई 2004 को निकाला था. जिससे मागासवर्गीय कर्मचारियों के हितों का संरक्षण हुआ था. लेकिन दिसंबर 2014 को मॅट ने ये कानून कोई भी संविधानिक अधिकार नही होने से रद्द कर दिया. इसके विरोध में राज्य शासन ने 90 दिनों में उच्च न्यायालय में अपनी भूमिका रखकर मागासवर्गीय कर्मचारियों के हितों का रक्षण करना जरुरी था. लेकिन राज्य शासन ने किसी भी प्रकार की कार्रवाई न करते हुए कर्मचारी के विरोधक होने का सिद्ध हुआ.
राज्य शासन के कृति का निषेध करने के लिए और पद्दोनीति के आरक्षण जैसा का वैसा लागु करने के लिए बैठा निषेध सत्याग्रह आयोजित किया है. इस आंदोलन में विभाजन कर्मचारियों ने बहुसंख्या में उपस्थित रहे ऐसा आवाहन राजेन्द्र बढ़िए, दीनानाथ वाघमारे, राजू चव्हाण, प्रेमचंद, राठोड, खिमेश बढिए, संजय नागरे, विशाल बमनोटे, सुभाष चवरे, नागोराव चव्हाण, कुंदन जाधव आदि पदाधिकारियों ने किया है.