नागपुर टुडे: जिले के एक मंत्री की “वाणी’ दिनोंदिन कड़क और मिली ताक़त का दुरूपयोग बढ़ता जा रहा है. इससे सम्बंधित प्रशासकीय अधिकारी वर्ग सकते में है और उनके अधिनस्त कार्य प्रभावित हो रहे है.
केंद्र में पिछली सरकार (काँग्रेस) के शहरी विकास मंत्री कमलनाथ के कार्यकाल में नागपुर से बैतूल तक १७४.२० किलोमीटर सड़क को “फोर लेन” करने का निर्णय लिया गया. इस कार्य को सफल अंजाम देने के लिए राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण ने प्राधिकरण के नियम-शर्तो के हिसाब से ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ‘बिल्ट-ऑपरेट-ट्रांसफर’ के तहत जिम्मा सौंपा। इस कंपनी ने नागपुर-बैतुल मार्ग का काम ओरिएंटल नागपुर बैतूल हाईवे प्राइवेट लिमिटेड के नाम से काम लिया और लगभग तय समय पर परिस्थिति के मद्देनज़र स्थानीय सफेदपोशों और नागरिकों से समझौता कर प्राधिकरण द्वारा दी गई जिम्मेदारी पूरी की. इस दौरान कई सफेदपोशों को उक्त महामार्ग से संबंधित मांगों के अनुरूप काम दिए थे.
इन्हीं लाभार्थियों में से एक आज प्रभावी मंत्री है, जो आये दिन ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी प्रबंधन पर दबाव बनाते रहते हैं. विगत दिनों उक्त कंपनी को मंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप संदेशा भेजा कि जिले में चल रही या मिली ठेकेदारी के मुनाफे में से कुछ हिस्सा दे या फिर मिली ठेकेदारी के तहत काम हमारे मनपसंद ठेकेदार को करने दे. इस मांग से संबंधित विभाग के अधिकारी काफी सकते में है.
वजह भी साफ़ है कि अगर उक्त ठेकेदार कंपनी ने बात नहीं मानी तो काम में अड़ंगा लाया जायेगा या फिर इसके हर्जाने के रूप में संबंधित विभाग के अधिकारियों का दूरदराज इलाके में तबादला किये जाने का डर समाया हुआ है.
उल्लेखनीय यह है कि उक्त मंत्री की दिनोंदिन मिलने वाले सभी से बात करते करते अपना आपा खो देते है, इस व्यवहार से सभी चिंतित है.