नागपुर: आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई CYSS ने कुलगुरु को विद्यार्थियों की मांगों को जल्द से जल्द हल पूरी करने हेतु ज्ञापन दिया और समस्या ख़त्म न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी.
परीक्षा शुल्क कम करने के लिए आप की छात्र इकाई CYSS ने पहले दो बार निवेदन दिया लेकिन आज तक परीक्षा शुल्क में कोई कमी नहीं की गई. परीक्षा लेने में विद्यापीठ को कुल २० ते २५ करोड रुपये खर्च आने पर भी ९० करोड रुपये गरीब विद्यार्थियों से वसूले जा रहे है. पुनर्मुल्यांकन परिणाम समय पर देनेके बाद ही पूरक परीक्षा के आवेदन भरने के अंतिम तारीख होनी चाहिए. देरी से परिणाम के कारन विद्यार्थियों को भरपाई देना ऐसी महत्वपूर्ण मांगों की तरफ ध्यान दिलाया गया था. परंतु विद्यापीठ की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं दिखाई पड़ी. आप की मुख्य मांगे व्यवसयिक पाठ्यक्रम के एक पेपर के ४०० रुपये के बदले रु. १००/-किये जाए, किसी भी प्रकार की संपूर्ण परीक्षा शुल्क रु ५००/- से ज्यादा नहीं होने चाहिए.
मुल्यांकन में गड़बड़ी होने के कारन सभी उत्तरपत्रिका की झेरोक्स निशुल्क दी जाए, महाविद्यालय में विषय शिक्षकों के मुल्यांकन गलत हुआ इसलिय गुण कम मिले, व गुण बढाकर पास हो सकता है ऐसी सिफारिस करने पर उन सभी विद्यार्थियों के पुनर्मुल्यांकन निशुल्क कर दिए जाने चाहिए, गलत मुल्यांकन करनेवाले शिक्षकों के नाम जाहीर करके उनको दंड लगाकर पाच साल परीक्षा के काम से दूर रखना चाहिए, पुनर्मुल्यांकन के परिणाम तुरंत जाहिर होने चाहिए. परिणाम घोषित होने के दुसरे दिन ही मार्कशीट महविद्यालय से विद्यार्थियों को वितरीत किया जाना चाहिए, आचर्य पदवी विद्यापीठ के नियमानुसार तय समय से प्रदान हो इसकी पूरी व्यवस्था कड़क तरीके से होनी चाहिए. विद्यापीठ के निर्णय प्रक्रिया में विद्यार्थी संगठन के प्रतिनिधींयों को सहभागी बनाना चाहिए.
राष्ट्रसंत तुकडोजी महराज नागपूर विद्यापीठ परीक्षा का परिणाम नियम से ४५ दिन में देना बंधनकारक है, परंतु इस साल भी पिछले सालों की तरह समय से परिणाम घोषित नहीं हुए. परिणाम आने के बाद मार्कशीट महाविद्यालय में एक महिने बाद ही मिलती है. इस कारण अगला सत्र सुरु होने में देरी हो गई. आखिरी साल के परिणाम देरी से लगने के कारन सैकड़ों विद्यार्थी दुसरे विद्यापीठ में प्रवेश नहीं ले सके.
पिछले सत्र से पूरक परीक्षा हेतु प्रती पेपर शुल्क लिया जाने लगा, वह काफी ज्यादा है. व्यवसयिक पाठ्यक्रम में एक पेपर के ४०० रुपये शुल्क ज्यादा है, जबकि अन्य विद्यापीठ में पूरी परीक्षा शुल्क ही ४०० से ५०० रुपये है. नागपूर विद्यापीठ में देश के किसी भी विद्यापीठ की तुलना में परीक्षा शुल्क चार पट ज्यादा है. हमारा विद्यापीठ गरीब और पिछड़े विद्यार्थियों के आर्थिक व मानसिक शोषण का एक अड्डा बन चूका है. गरीब विद्यार्थियों को इस प्रकार से शिक्षा के मार्ग में अड़ंगे लगाना ही समाजद्रोही काम करना है. परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों से मनमानी लुट करके पूरा पैसा प्राध्यापक, विद्यापीठ व महाविद्यालयों पर लुटाना तर्कसंगत नहीं लगता. विद्यापीठ का इस प्रकार सुशिक्षित नागरिकों से कानून के अंदर लूटपाट जल्दी ख़त्म होनी चाहिए. CYSS प्रतिनिधिमंडल में पियूष आकरे, जितु मुटकुरे, मनीष गिरडकर, धीरज आगाशे और नेहा आके शामिल थी.