Published On : Fri, Sep 15th, 2017

दिल्ली के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनावों में ABVP को ​लगा झटका​​

जयपुर: राजस्थान के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रसंघ चुनावों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को इस बार कोई बढ़ी कामयाबी हासिल नहीं हो पाई। प्रदेश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर में तो छात्रों ने इस साल परिषद को अब तक की सबसे करारी हार दी।

विश्वविद्यालय में इस बार अध्यक्ष पद पर परिषद के बागी पवन यादव ने एबीवीपी के संजय माचेडी को ढाई हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया। इसी तरह से राज्य के दूसरे बड़े विश्वविद्यालयों जोधपुर और अजमेर में भी विद्यार्थी परिषद को हार का सामना करना पड़ा। छात्रों ने सत्ता से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी को नकारते हुए अपना संदेश दे दिया। राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के छात्रसंघ चुनाव के नतीजों पर राजनीतिक दलों की निगाहें लगी हुई थीं।

भाजपा समर्थित विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवारों के लिए तो उसके युवा मोर्चा और अन्य संगठनों के नेताओं ने भी भागदौड़ की थी। इसके बावजूद परिषद का उम्मीदवार कैंपस में बुरी तरह से हार गया। विश्वविद्यालय के अन्य पदों पर भी परिषद के उम्मीदवारों को युवा मतदाताओं ने धूल चटा दी। परिषद को सिर्फ संयुक्त सचिव पद मिला। महासचिव और उपाध्यक्ष के पदों पर एनएसयूआई के उम्मीदवारों को जीत मिली।

Gold Rate
Friday 14 Feb. 2025
Gold 24 KT 86,300 /-
Gold 22 KT 80,300 /-
Silver / Kg 97,400 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

राजस्थान विश्वविद्यालय में अध्यक्ष पद पर विद्यार्थी परिषद की यह लगातार चौथी हार है। इस साल छात्रसंघ चुनाव के लिए परिषद के साथ ही सत्ताधारी दल के युवा संगठन ने भी जमकर मेहनत की थी। परिषद को उम्मीद थी कि छात्रों के बीच उसकी मजबूत पकड़ का अच्छा नतीजा आएगा। छात्रसंघ अध्यक्ष बने पवन यादव परिषद के ही निष्ठावान कार्यकर्ता थे। उनके टिकट को नकार कर संजय माचेडी को उम्मीदवार बनाने से वे नाराज हो गए। पवन ने बागी होकर चुनाव लड़ा और परिषद में हो रहे भेदभाव को उजागर कर दिया। पवन का कहना है कि उनकी टिकट दावेदारी को नकारने में परिषद के कुछ पदाधिकारी जिम्मेदार हैं। परिषद पर ऐसे पदाधिकारियों का कब्जा हो गया है जिन्हें असलियत का पता ही नहीं है। यादव का कहना है कि उन्होंने साल भर छात्रों के बीच रह कर अपनी पकड़ बनाई थी।

राजस्थान विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेजों के छात्र संघ चुनावों में एबीवीपी को मुंह की खानी पड़ी। इसके अलावा प्रदेश के दूसरे बड़े जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में भी परिषद को एनएसयूआइ की कांता ग्वाला ने शिकस्त दी। इस विश्वविद्यालय में पहली बार कोई छात्रा अध्यक्ष बनी।

इसी तरह अजमेर के प्रतिष्ठित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में निर्दर्लीय मनीष पूनिया ने एबीवीपी के उम्मीदवार को हराया।भाजपा समर्थित और देश में सबसे बडा छात्र संगठन होने का दावा करने वाले विद्यार्थी परिषद की राज्य में हुई फजीहत ने सबको चौंकाया है। संगठन के कर्ताधर्ता अब हार को लेकर चिंतन मनन में जुट गए हैं। हालांकि परिषद का दावा है कि ज्यादातर शहरों में उसे जीत मिली है।

एबीवीपी के प्रदेश संगठन मंत्री अर्जुन तिवाड़ी का कहना है कि सरकारी कॉलेजों में से ज्यादातर में उन्हें जीत मिली है। प्रदेश के बड़े विश्वविद्यालयों में मिली हार जरूर चिंताजनक है। इस पर संगठन के प्रमुख पदाधिकारी चिंतन कर रहे है। परिषद जोधपुर और अजमेर की हार को भी बड़ा झटका मानती है। एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया का कहना है कि एबीवीपी को इस बार प्रदेश के छात्रों ने पूरी तरह से नकार दिया है|

Advertisement