नागपुर: नागरिकों के काम समय पर पूरा हो सके इसके लिए राज्य सरकार ने सेवाधिकार कानून पारित किया था। बावजूद इस कड़क कानून के जनता की ओर से समय पर काम नहीं किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। सेवा अधिकार कानून का पालन ना करनेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। सरकारी क्षेत्र में काम करनेवाले अधिकारियों को यह सीधी चेतावनी राज्य सेवा अधिकार मुख्य आयुक्त स्वाधीन क्षत्रीय ने दी। वे शुक्रवार को विभागीय आयुक्त कार्यालय में आयोजित पत्रपरिषद के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि राज्य सरकार ने ऑनलाइन सेवा के माध्यम से कुछ सेवाएं प्रदान कर रखी हैं। इसका अनेकों को लाभ हुआ। इसी तरह प्रशासन के अन्य विभागों ने भी जरूरतमंदों को सेवा देने के मकसद से ऑनलाइन सेवाएं शुरू कर दी। लेकिन इसके बाद भी कई आवेदकों के मामले प्रलंबित रहते थे जिसे गति प्रदान करने के लिए ही सेवाधिकर कानून लाया गया। नागपुर विभाग ने भी इस कानून का पालन कर अनेकों मामलों का निबटारा किया।
राज्य सरकार ने इस अधिकार का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन अर्थात मोबाइल ऐप ‘आरटीएस महाराष्ट्र’ नाम से लॉन्च किया है। उन्होंने नागरिकों से इस ऐप को बड़े पैमाने पर डाउनलोड करने का आवाहन भी किया। 15 अगस्त से इस कानून के प्रति अधिक जागरुकता निर्माण करने के लिए गांव-गांव जाकर प्राचार अभियान शुरू किए जाने की भी उन्होंने जानकारी दी। उन्होंने नागरिकों को उनका यह अधिकार सुनिश्चित कराने के लिए सभी विभागों के अधिकारियों की एक कार्यशाला लेने का आदेश भी दिया। पत्रपरिषद में विभागीय आनूप कुमार समेत अन्य मौजूद थे।