नागपुर: राज्य चुनाव आयोग ने नागपुर मनपा के चुनाव की तिथि घोषित कर दी है. सभी दलों से चुनाव लड़ने के इच्छुकों ने जनसंपर्क बढ़ाना भी शुरू कर दिया है. इच्छुकों ने अपने स्तर पर तैयारी भी शुरू की है. लेकिन प्रभाग रचना के फाइनल होने के पहले किसी भी पक्ष द्वारा उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं होने वाला.
दुर्गाउत्सव के बाद से चुनाव का सही अभ्यास होना होगा. १० अक्टूबर तक प्रभाग रचना से संबंधित सभी तथ्यों का खुलासा हो जायेगा. ज्ञात हो कि फरवरी 2017 में नागपुर मनपा के चुनाव होंगे. चार सदस्यीय प्रभाग पद्धति से चुनाव होने वाले हैं.
विरोधी पक्षो के अनुसार सत्तापक्ष ने सबकुछ तय कर चुकी है, सिर्फ उम्मीद के अनुरूप मौके पर घोषणा कर सभी को कम मोहलत देकर जंग जितने की मंशा लिए चुप्पी साधे बैठी है.
एक प्रभाग में 60 से 70 हजार मतदाता होंगे. ऐसे में जीतने वाले उम्मीदवार को 12 से 15 हजार मत प्राप्त करने होंगे. ऐसे में इच्छुक व चुनावी तैयारी में लगे पार्षद अपने इलाकों के मतदाताओं से संपर्क बढ़ाने के साथ ही आसपास के इलाकों में भी दौरे शुरू कर चुके हैं.
वैसे प्रभाग रचना के फाइनल होने के पहले यह अंधेरे में तीर चलाने जैसा है. फिर भी पार्टी स्तर पर खुद को सक्रिय बताने के लिए इच्छुक दौरे, शिविर, स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम आदि लेकर अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं. सत्तापक्ष सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर जनता-जनार्दन से जनसंपर्क करना आरम्भ कर दिया है. सत्तापक्ष ने आधे से अधिक को उम्मीदवारी देने की जनकर्ती देकर उन्हें जनसंपर्क करने हेतु सक्रीय कर दिया है.
उल्लेखनीय यह है कि कई ऐसे पार्षद हैं, जो पिछले साढे चार साल नजर नहीं आए. पर चुनाव के नजदीक आते ही लोगों के घरों तक पहुंचने लगे हैं. नागरिकों ने भी ऐसे पार्षदों को सबक सिखाने की तैयारी कर ली है. इस बार शहर में मेरिट में आये विद्यार्थियों का सत्कार और विद्यार्थियों में साइकिल वितरण का कार्यक्रम काफी आयोजित किया गया.
कई दिग्गजों को होगा नुकसान
अक्सर देखा गया है कि अंतिम कार्यकाल में जो भी पदाधिकारी बनता है, वह अपने प्रभाग-वार्ड की और जरा भी ध्यान नहीं दे पता है, जिसके कारण अधिकांश पदाधिकारी चुनाव हार जाते है और चार सदस्यीय प्रभाग पद्धति में दो पुरुष तथा दो महिला उम्मीदवारों का चुनाव मैदान में उतरना तय माना जा रहा है. लेकिन आरक्षण जारी होने के बाद ही उम्मीदवार के नाम तय हो सकेंगे. कौन से प्रभाग में किस समाज के वोट अधिक आते हैं. उसका पता प्रभाग रचना के फाइनल होने के बाद ही होगा. ऐसे में कई दिग्गजों को चुनाव मैदान से दूर भी रहना पड सकता है. कड़वा सत्य है कि आगामी मनपा चुनाव में पार्टियां निष्ठावानों को मौका देने की तैयारी में हैं. कद, पैसा और प्रतिष्ठा रखने वाले उम्मीदवार ही इस बार मनपा चुनाव में भाग्य आजमा सकेंगे. आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों ने अभी से चुनाव मैदान से दूरी बनानी शुरू कर दी है.