अकोला। अकोला जिले में अब तक चार लोग स्वाईन फ्लू के मरीज पाए गए, जिनमें से दो मरीज उपचार लेकर अपने घर लौट गए हैं जबकि दो मरीजों की तबीयत उत्तम हैं, ऐसी जानकारी जिला शल्य चिकित्सक डा. गिरी तथा वैद्यकीय महाविद्यालय के प्रभारी अधिव्याख्याता डा. एन.डी. तिवारी ने दी. उन्होंने यह भी कहा कि स्वाईन फ्लू को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क हैं. जिले के सभी विभागें में स्वाईन फ्लू को लेकर जनजागृति हेतु एक विशेष बैठक का आयोजन अपर जिलाधिकारी शिवाजी दिवेकर की उपस्थिती में किया गया.
इस अवसर पर जिला शल्य चिकित्सक डा. गिरी ने विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जो चार लोक स्वाईन फ्लू के मरीज पाए गए हैं उनमे से दो को तबीयत ठीक होने के बाद अस्पताल से घर भेजा गया, क्योंकि उनकी तबीयत भी उत्तम हैं. उन्होंने बताया कि बुखार, गले में दर्द, गले में खराश, खासी, सर्दी, बदनदर्द, सिरदर्द आदि लक्षण पाए जाने पर मरीज में स्वाईन फ्लू के कीटाणु हो सकते है, जिसे देखते हुए मरीज की जांच करवानी आवश्यक है. बालकों में सौम्य व मध्यम स्वरूप में बुखार पाया जाता है. साथ ही गले में दर्द होने पर बच्चों के मुंह से लार टपकती है. जबकि प्रतिकार शक्ति कम होनेवाले मरीजों में अनेक बार बुखार के लक्षण नहीं पाए जाते. इन्फल्यूएंझा सर्वेक्षण में बुखार सदृश्य मरीजों के साथ ही तीव्र श्वसनदाह के मरीज पाए गए हैं. जनता को स्वाईन फ्लू से डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि जिले में अभी तक एक भी मरीज की जान स्वाईन फ्लू से नहीं गई है. जिन्हें स्वाईन फ्लू हुआ है उनके इलाज के लिए यंत्रणा पूरी तरह सक्षम हैं, ऐसा भी जिला शल्य चिकित्सक डा. गिरी ने स्पष्ट किया .