– लोकायुक्त के समक्ष दिए गए बयां से मुकर गए,संशोधित- प्रस्तावित बजट में बकाया देने पर जोर
नागपुर – एक तरफ नागपुर महानगरपालिका पिछले कुछ सालों से आर्थिक संकट से जूझ रही हैं तो दूसरी ओर मनपा के आला अधिकारियों के संरक्षण में अमूमन कुछ राजस्व वाले विभागों के आर्थिक धांधली चरम सिमा पर हैं,बावजूद इसके ठोस कार्रवाई के मनपा प्रशासक उक्त धांधलियों को नज़रअंदाज कर सम्बंधित अधिकारियों को बढ़ावा दे रही.मामला सीमेंट सड़क फेज-2 का हैं,लोकायुक्त के समक्ष मनपा प्रशासक ने जो बयां दिया था,आजतक उस पर कार्रवाई नहीं की गई.
दूसरी ओर विगत माह स्वास्थ्य विभाग में स्टेशनरी घोटाले का बड़े गाजे-बाजे के साथ मनपा प्रशासक ने खुद की पीठ थपथपाई लेकिन उसी तेजी से लीपापोती कर मामला दबा दिया।
सवाल यह उठ रहा कि क्या मनपा प्रशासक असक्षम हैं या फिर अपने उद्देश्यपूर्ति के हिसाब से प्रशासन का संचलन कर रही.
सीमेंट सड़क फेज-2 घोटाले में अश्विनी इंफ़्रा को मनपा लोककर्म विभाग के तत्कालीन कार्यकारी अभियंता ( वर्त्तमान में अधीक्षक अभियंता मनोज तालेवार) और मनपा वित्त विभाग के तत्कालीन CAFO के संयुक्त प्रयास से न सिर्फ अवैध रूप से टेंडर दिया गया,बल्कि अवैध खाते में करोड़ों का भुगतान भी किया गया.
मामला लोकायुक्त तक पहुंचा तो मनपा प्रशासक ने जाँच समिति की सिफारिश अनुसार कार्रवाई का आश्वासन देने के बावजूद आजतक कोई कार्रवाई नहीं की.
ग़ुरबक्षाणी – लुल्ला द्वंद् से मामला प्रकाश में आया
ग़ुरबक्षाणी का कामगार सिंह वर्षों साथ रहने के बाद किसी आर्थिक व्यवहार के कारण ग़ुरबक्षाणी से अलग होकर लुल्ला से हाथ मिला लिया।लुल्ला को ग़ुरबक्षाणी ने सरकारी महकमों में खड़े रहने के लिए काफी अड़चनें दी. इसका बदला लेने के हिसाब से सिंह ने ग़ुरबक्षाणी की पोल खोली।जिससे ग़ुरबक्षाणी संग मनपा प्रशासन पर असमय संकट आ गया.मनपा प्रशासन में ग़ुरबक्षाणी की तूती बोलती थी,जो काम नहीं आई तो दूसरी तरफ मनपा प्रशासन को लोकायुक्त के समक्ष खड़े होने की नौबत आन पड़ी.
अब लुल्ला का खासमखास सिंह मनपा में ठेकेदारी के लिए नया पंजीयन करवाया,अर्थात सिंह जल्द ही लुल्ला से अलग हो सकता हैं ?
आय बढ़ाने के बजाय खर्च पर जोर
मनपा में धांधली रोक आय बढ़ाने के लिए मनपा प्रशासक का कोई जोर नहीं दिखा,हाल ही में प्रशासक ने संशोधित बजट सह प्रस्तावित बजट पेश किया,जिसमें खर्च पर ज्यादा जोर दिखा,शेष मामले में हवाहवाई नज़र आई.
मनपा की संपत्ति का सदुपयोग,संपत्ति कर की बकाया वसूली,जल कर की बकाया वसूली,विज्ञापन विभाग से आय हेतु तवज्जों देने पर जोर नहीं दिखा।विज्ञापन विभाग से आय बढ़ाने सम्बन्धी महीनों पहले अतिरिक्त आयुक्त मीणा और उपायुक्त भेलावे के समक्ष आवेदन आये लेकिन दोनों की लालफीताशाही नीति के कारण विषय को स्थगिती दे दी गई,फिर कैसे मुमकिन हो कि मनपा की आय में बढ़ोतरी होगी।