– प्रशासक का कार्यकाल बढ़ा अर्थात मनपा चुनाव अगले वर्ष ?
नागपुर -मनपा में पिछले छह माह से प्रशासन के अधीन है,पिछले दिनों प्रशासक का कार्यकाल भी बढ़ा दिया गया और आम शिकायतों पर भी निधि का आभाव का बहाने कर जरुरी कामों को टाला जा रहा है. पिछले छह माह में मनपा आयुक्त व प्रशासक ने कई बैठकें की, लेकिन शहर में बैठक का असर नहीं दिखा। ये बैठकें बेअसर रही और छोटे-छोटे कार्यों के साथ विकास कार्य भी ठप होने से मनपा के प्रति नागरिकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
याद रहे कि 5 मार्च से शहर में प्रशासक के माध्यम से प्रशासन का कामकाज शुरू है. राज्य सरकार ने सोमवार को प्रशासक को तरजीह देते हुए उनका कार्यकाल और कुछ समय के लिए बढ़ा दिया. ऐसे में साफ संकेत है कि मनपा का चुनाव अगले साल होगा। प्रशासन के पिछले छह महीनों में 100 से अधिक बैठकें हुई हैं। लेकिन इन बैठक से शहर के हित में कोई फैसला नहीं लिया गया है. सत्ताधारियों के मंजूर कार्य भी ठप किये जाने से सभी सकते में हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही में पूर्व हो चुके नगरसेवकों द्वारा प्रभाग के मंजूर कार्यो की जानकारी मांगी गई तो कईयों के फाइलें गायब हो गई तो कइयों को टालमटोल जवाब दिया जा रहा.मंजूर विकास कार्यों को करवाने के लिए कुछ पूर्व नगरसेवक मनपा में आम नागरिकों की भांति चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं। लेकिन चूंकि सब कुछ प्रशासन के अधिकार में है, इसलिए उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा है।अधिकारियों पर किसी का नियंत्रण नहीं होने से बेख़ौफ़ जवाब दे रहे हैं.
दरअसल, खुद अधिकारी यह कहते फिर रहे कि निधि के अभाव में मनपा के पास टूटे हुए चेंबर के ढक्कनों को ठीक करने की भी क्षमता नहीं है. सीवेज लाइन टूटे चेंबर, बंद सीवेज लाइन भी उपेक्षित नजर आ रही है। शहर में चर्चा है कि प्रशासक का प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है। पिछले छह माह में मनपा की जिम्मेदारी चरमरा गई है।