नागपुर: नागपुर यूनिवर्सिटी ने 2018 में नागपुर समेत विभिन्न जिलों के करीब 209 कॉलेजों में विद्यार्थियों के प्रवेश लेने पर रोक लगाई है. विद्यार्थियों और उनके पालकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे इन कॉलेजों में अपने बच्चों के एडमिशन न कराए. इनमें यूनिवर्सिटी से संलग्न करने के लिए करीब 98 कॉलेजों ने आवेदन ही नहीं किया. इन कॉलेज में नागपुर, उमरेड, नरखेड़, भिवापुर,कामठी, सावनेर तहसील, काटोल, कोंढाली, बुटीबोरी, साकोली,पवनी, दिघोरी, भंडारा जिला,गोंदिया जिला, तिरोड़ा, वर्धा, सेलु, पुलगांव, हिंगणघाट तहसील के कॉलेज शामिल हैं. जिन्होंने यूनिवर्सिटी में सलंग्न करने के लिए आवेदन ही नहीं किया.
इसके बाद ऐसे भी कॉलेज हैं, जिसके विद्यार्थी प्रवेश पर पाबन्दी लगाई गई है. ऐसे 18 कॉलेज है. इन कॉलेजों का यूनिवर्सिटी से संलग्न तो था लेकिन यूनिवर्सिटी ने सलंग्न करने के लिए गठित स्थानीय जांच समिति की मुलाक़ात निश्चित नहीं करने की वजह से और कॉलेज में अनियमितता पाए जाने के कारण 2018 में विद्यार्थियों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई है. इनमें नागपुर जिले के 11 कॉलेज शामिल हैं, वहीं बुटीबोरी, उमरेड तहसील, मौदा के कॉलेज शामिल है. तो वही भंडारा जिले के 10 कॉलेज हैं. गोंदिया जिले के 5 और वर्धा के 3 कॉलेज शामिल हैं.
यूनिवर्सिटी द्वारा स्लंग्नित कॉलेजों के जिन पाठ्यक्रमों 2018 में यूनिवर्सिटी द्वारा निरंतर स्लंग्निकरण प्रदान नहीं किया गया. जिसके कारण प्रथम वर्ष 2018 में इन कॉलेजों में भी विद्यार्थियों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई है. इनमें करीब 82 कॉलेज शामिल हैं. मुख्य रूप से इसमें जरीपटका, नंदनवन, हिंगना रोड, गणेशपेठ , कांग्रेस नगर, पांचपावली, नरसाला, न्यू नंदनवन, कलमना, गिट्टीखदान, टाकलघाट, गोंदिया, भंडारा, पारशिवनी के कॉलेज शामिल हैं.
कई कॉलेजों में कर्मचारी और सुविधाएं नहीं होने के कारण भी विद्यार्थियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. नागपुर यूनिवर्सिटी ने अपने नोटिफिकेशन में बताया है कि अगले आदेश आने तक इन कॉलेजों में विद्यार्थी एडमिशन न लें.