Published On : Mon, Mar 6th, 2017

यहां ऑर्गेनिक चावल की पैदावार से किसान हो रहे हैं लाभान्वित

Advertisement


नागपुर: 
वन परिक्षेत्र में सीमित संसाधनों के होते हुए आसपास के इलाकों में खेती करना कठिन साबित होता है। लेकिन भंडारा जिले का एनएनटीआर( नवंगांव नागझिरा टाइगर रिजर्व ) इस मामले में बिरला साबित हो रहा है। एनएनटीआर के धान उत्पादक किसानों ने इस बार ऑर्गेनिक चावल की बेहतरीन फसल लेकर धान उत्पादक क्षेत्र में मिसाल कायम कर रहे हैं। सामान्य चावल के मुकाबले ऑर्गेनिक चावल को लोग भी पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि अब आज पड़ोस के किसान भी ऑर्गेनिक फार्मिंग की ओर बढ़ रहे हैं। रसायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के मुकाबले किफायती और ज्यादा भरोसेमंद पारंपरिक तकनीक कृषि के लिए भी एक बेहतर साधन माना जा रहा है।

साकोली तहसील के अतेगांव के किसान और नवंगांव नागझिरा बाघ आरक्षित क्षेत्र गोंदिया ग्राम परिस्थितिकीय विकास समिति के अध्यक्ष मनिराम कलपते बताते हैं कि ऑर्गेनिक खेती के लिए गांव के 20 से 25 किसान सदस्यों ने मिलकर यह खेती शुरू की। इसके लिए एनएनटीआर की ओर से 80 हजार रुपए की शेंद्रीय खाद तैयार करने के साथ सामग्रियां भी उपलब्ध कराई गयी। इसमें ऑर्गेनिक खाद के रूप में गोबर और गोमूत्र से तैयार होनेवाले खाद का इस्तेमाल और हरी खाद का इस्तेमाल किया जाता है। किसी भी प्रकार के केमिकल पेस्टिसाइड और फर्टिलाइजर का उपयोग नहीं किया जाता।

आम तौर पर उगाए जानेवाले धान के मुकाबले इसका रकबा कम मिलता है लेकिन जन स्वास्थ्य को होनेवाले लाभ को देखते हुए इसे वे लगा रहे हैं। पहली फसल 7.5 हेक्टर क्षेत्र में लगाई गई है। अब इसे आगे बढ़ाने का विचार है। पहली फसल के रूप में तकरीबन 140 क्विन्टल धान प्राप्त हुआ था जिसमें तकरीबन 100 क्विन्टल चावल प्राप्त हुआ है। 7.5 एकड़ फसल की औसत लागत 2.40 लाख रुपए के आस पास की है जबकि औसत 50 रुपए किलो की दर से बेचे जानेवाले इस चावल से कुल बिक्री से तकरीबन 5 लाख रुपए मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है।

Advertisement
Today's Rate
Sat 21 Dec. 2024
Gold 24 KT 76,400/-
Gold 22 KT 71,100/-
Silver / Kg 88,000/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

हालांकि वन विभाग के मुख्य सहयोग से की जा रही इस ऑर्गेनिक चावल को सबसे ज्यागा दरकार उचित प्रबंधन और मार्केटिंग की है। राज्य में एकमेव वन विभाग के आउटलेट वनधन जनधन स्टोर में पहली खेप की आपूर्ति के बाद रविवार को कई बार माल मंगाए जाने के बाद दूसरी खेप भेजी गयी। प्रचार की कमी खुद इस फसल को लेनेवाले किसान भी कर रहे हैं। हालांकि वन मंत्री इससे और लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम करने की बात कहते हैं।

Advertisement