Published On : Mon, Nov 12th, 2018

दिवाली के बाद अब अपने अपने काम पर लौट रहे लोग, सभी ट्रेनें हुई फुल

नागपुर: दीपावली और भाई दूज का त्योहार निपट चुका है. ऐसे में लोग अपने-अपने काम पर लौटने लगे हैं. रविवार और सोमवार को भी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ इस कदर है कि पैर रखने की जगह नहीं है. सुपर फास्ट से लेकर दूरंतो और राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनें भी फुल चल रही हैं. वहीं, टिकट की लाइनें लंबी ही होती जा रही हैं. आरक्षित श्रेणियों की प्रतीक्षा सूची की अंतिम सीमा भी समाप्त होने से अब रिग्रेट की स्थिति बन चुकी है. उधर, 13 नवंबर को मनाई जाने वाली छठ पूजा के लिए घर लौटने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है. रविवार को दिल्ली हो या हावड़ा या फिर मुंबई, पुणे और दक्षिण भारत का रूट, लगभग सभी ट्रेनें हाउसफुल ही चली. वहीं नागपुर स्टेशन पर पूरा दिन ही यात्रियों का जमावड़ा लगा रहा.

दिवाली की छुट्टियों में रविवार का दिन अंतिम होने से नागपुर से पुणे और मुंबई जाने वाले स्टूडेंट्स, वर्किंग प्रोफेशनल्स और अन्य यात्रियों की संख्या एकाएक ही दोगुनी से भी अधिक हो गई. नागपुर-पुणे गरीबरथ एक्सप्रेस 3 महीने पहले ही हाउसफुल हो चुकी थी. गरीबरथ के अलावा अन्य ट्रेनों से जा रहे परिवार के सदस्यों को पहुंचाने आये लोगों के कारण स्टेशन पर क्षमता से कहीं भीड़ हो गई. उधर, प्लेटफार्म 8 से चलने वाली मुंबई दूरंतो एक्सप्रेस के समय भी ऐसा ही नजारा रहा. हाल यह रहे कि वाहनों की पार्किंग के लिए जगह कम पड़ गई और लोगों को पार्सल आफिस में वाहन खड़े कर प्लेटफार्म तक पैदल चलना पड़ा.

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उधर, सामान्य टिकट काउंटर पर यात्रियों की संख्या ने रिकार्ड तोड़ दिया. एक ही समय पर सैकड़ों यात्रियों की उपस्थिति से स्टेशन में शुरू करीब 15 सामान्य टिकट काउंटर भी कम लग रहे थे. हालांकि इस दौरान यह बात भी देखने को मिली कि लगभग सभी यात्री टिकट लेकर ही यात्रा को उचित समझ रहे थे. ऐसी भीड़ में एक बार फिर एवीटीएम मशीनों की गड़बड़ी ने यात्रियों को परेशान किया. हालांकि कुछ मशीनें शुरू रही. यहां भी यात्रियों की भारी भीड़ थी. एसी वेटिंग रूम के पास लगाई गई 3 एवीटीएम में केवल 1 ही शुरू थी जिससे यात्रियों को टिकट के लिए परेशान होना पड़ा.

वहीं, लंबी वेटिंग लिस्ट होने से कई यात्रियों की टिकट कन्फर्म नहीं हो पायी. ऐसे में अपनी यात्रा पर संकट गहराता देख टीटीई से सेटिंग की भी कोशिश की गई लेकिन वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी, क्योंकि लगभग सभी ट्रेनों में नो रूम की स्थिति थी. वहीं, टिकट रद्दीकरण नहीं के बराबर था. ऐसे में बीच स्टेशनों से भी टीटीई के पास कोई सीट खाली नहीं मिल रही थी. कुल मिलाकर त्योहार के पास वापसी के इस संडे ने भारतीय रेल यात्रियों की पूरी परीक्षा ली और स्टेशन पर पूरा दिन ही गहमागहमी बनी रही.

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