नई दिल्ली: नेशनल कैरियर एयर इंडिया में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को लेकर के केंद्र सरकार की मुहिम को मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। इंडिगो के बाद अब जेट एयरवेज भी इसे खरीदने की रेस से बाहर हो गया है। हालांकि एक स्विस कंपनी SAC ने इसकी बिड में शामिल होने की इच्छा जताई है।
इसलिए हुआ बिड से बाहर
कंपनी के डिप्टी सीईओ अमित अग्रवाल ने कहा कि सरकार का एयर इंडिया को निजी हाथों में बेचना एक बड़ा कदम है और हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन इसको खरीदने के लिए सरकार ने जो शर्ते अपने मेमोरेंडम में रखी हैं उसके हिसाब हम अपने को फिट नहीं पाते हैं और एयर इंडिया को खरीदने की रेस में शामिल नहीं होंगे।
SAC ने दिखाई दिलचस्पी
स्विट्जरलैंड की स्विस एविएशन कंसल्टिंग (एस.ए.सी.) ने एयर इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। सरकार 2018 के अंत तक एयर इंडिया को बेचना चाहती है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एयर इंडिया में दिलचस्पी दिखाने वाला यह पहला इंटरनेशल एविएशन ग्रुप है लेकिन जानकारों की माने तो हो सकता है कि स्विट्जरलैंड की कम्पनी केवल अपने क्लाइंट्स के लिए संभावनाएं तलाश रही हो।
कर्मचारियों के हितों का रखेंगे ध्यान
केंद्र सरकार ने साफ किया है कि घाटे के चलते बिक रही नेशनल एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया के कर्मचारियों के हितों का पूरी तरह से ध्यान रखा जाएगा। सरकार एयर इंडिया में अपनी 76 फिसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है। नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि इसके लिए ट्रेड यूनियन से बातचीत की जा रही है।