नागपुर: साठ वर्षीय वृद्ध ने सात साल से अलग रह रही पत्नी के शरीर को चाकू से गोदकर लहूलुहान कर दिया और यह सुनिश्चित हो जाने पर कि वह मर गयी है, खुद भी एक पेड़ की डाल से लटककर झूल गया। एमआईडीसी हिंगणा थाने के अंतर्गत हुई इस घटना ने फिर एक बार पारिवारिक कलह में कलपते बुजुर्गों की मनोव्यथा को उजागर किया है। घटना बीती रात यानी मंगलवार की रात की है। शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए हैं और पुलिस जांच जारी है।
घटना की मिली प्राथमिक जानकारी के अनुसार साठ साल का रामदास शुक्कलकर वानाडोंगरी में अपने बड़े बेटे के साथ रहता था। उसकी पत्नी बेबीताई शुक्कलकर अपने छोटे बेटे के साथ अलग रहती थी। बेबीताई एक मेस में खानसामा थी। रामदास एक बियर-बार में सिक्यूरिटी गॉर्ड की नौकरी करता था। दोनों के बीच मनमुटाव था और दोनों सात साल से अलग रह रहे थे। रामदास गुस्सैल और चिड़चिड़े स्वभाव का था।
मंगलवार की रात 9 बजे के करीब रामदास ने अपनी पत्नी बेबी को वाघधरा के जंगल में जरुरी काम का हवाला देकर बुलाया। उसी जंगल में एक पेड़ की शाखा से उसका झूलता शव पुलिस ने बरामद किया। पास ही बेबीताई का शव भी लहूलुहान अवस्था में पुलिस को मिला। पास की झाड़ियों में पुलिस को खून लगा चाकू भी मिला।
इस पर पुलिस ने एक थ्योरी तैयार की कि रामदास ने जब बेबीताई को मिलने बुलाया, तो उनके बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हुई होगी और फिर तैश में आकर रामदास ने चाकू से दस वार कर पहले बेबीताई को ख़त्म किया और फिर खुद भी आत्महत्या कर ली। पुलिस इस पहलू पर भी जाँच कर रही है कि रामदास आखिर चाकू साथ में क्यों लेकर गया था बेबीताई से मिलने? क्या उसने हत्या के इरादे से ही बेबीताई को वाघधरा के जंगल में बुलाया था? फिर उसने आत्महत्या क्यों की? आखिर किस तरह की पारिवारिक कलह से जूझ रहे थे शुक्कलकर दंपत्ति? ऐसे तमाम सवालों के जवाब और इस घटना का सच पोस्टमॉर्टम और पुलिस तफ्तीश के बाद ही सामने आएगा।