नागपुर। VVIP के लिए सेवारत बम डिफ्यूज एंड डिस्पोजल स्क्वाड (BDDS) में अंडर 35, फिट, हेल्थी की बजाय अधिक उम्र, अस्वस्थ और आलसी पुलिस कर्मियों की तैनाती अधिकाधिक है. इनमे अधिकांश चापलूस होने के कारण स्क्वॉड के युवा कर्मियों पर काम का बोझ बढ़ गया है. क्योंकि डेढ़ गुणा वेतन मिलता है इसलिए असक्षम पुलिस अपने वरिष्ठ अधिकारियों को झांसे में रख खुद की रोटी सेकते रहे है. जबकि पूर्व सह पुलिस आयुक्त सक्सेना ने उक्त विभाग में 2 वर्ष से अधिक किसी को तैनात करने का विरोध किया था, लेकिन उनके इस आदेश का पुलिस विभाग में आजतक पालन नहीं हुआ है. जबतक विभाग में युवाओं को महत्त्व और उन्हें आल इंडिया स्तर पर ट्रैनिंग नहीं दी जाएगी तबतक विभाग की अहमियत नहीं बढ़ेगी, विभाग में एकमात्र सही मायने में प्रशिक्षित है.
ज्ञात हो कि नागपुर शहर पुलिस मुख्यालय अधिनस्त बम डिफ्यूज एंड डिस्पोजल स्क्वाड (BDDS) है. यह जेड प्लस की सुरक्षा वाले VVIP के आवाजाही, कार्यक्रम स्थल और रुकने के स्थान आदि की जाँच करती है. इस स्क्वाड में 23 कर्मचारी है. इसमें 1 पीआई, 1 पीएसआई, 6 डॉग हैंडलर, 11 टेकनिसियन और 4 ड्राइवर का समावेश है. टेकनिसियन और ड्राइवर में से अधिकांश पहले बड़े अधिकारियों के पास कार्यरत थे. उन्ही अधिकारियों की सिफारिश पर BDDS में अपनी नियुक्ति करवाई. क्योंकि इस विभाग में पुलिस विभाग की तुलना में डेढ़ गुणा ज्यादा वेतन मिलता है. इन्ही चापलूस टेकनिसियन और ड्राइवर विभाग प्रमुख पुलिस निरीक्षक को घेरे रहते है. पुलिस निरीक्षक सिर्फ उनकी ही सुनते है. सरकारी नियम के अनुसार इस स्क्वाड में 35 वर्ष के नीचे का जवान होना चाहिए. जबकि अधिकांश टेकनिसियन, डॉग हैंडलर और ड्राइवर अस्वस्थ और नियमानुसार उम्रदराज है.
वर्तमान समय में खतरों के मद्देनज़र स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट (SID) के अनुसार इस विभाग में नए युवा सह 35 वर्ष से कम उम्र वालों को ही रखना चाहिए. वह भी आल इंडिया ट्रेंनिंग किये हुए. मानेसर और मसूरी में विशेषज्ञ तैयार किये जाते है. फ़िलहाल इस विभाग में 1 जवान ही विशेषज्ञ है, शेष बेसिक ट्रेंनिंग किये हुए है. भविष्य में इस विभाग से संबंधित कोई मामला समक्ष आया तो NIA या आर्मी बम स्क्वाड के आने तक का इंतज़ार करना पड़ सकता है.
चापलूस कर्मी युवाओ को दौड़ाते
विभाग के मुखिया पुलिस निरीक्षक के चापलूस कर्मी विभाग के कार्यो में स्क्वाड में तैनात युवाओं को दौड़ाते है. इससे युवाओं के कंधो पर काम का बोझ बढ़ गया है. और तो और ये चापलूस इन्ही युवाओं के बारे में पुलिस निरीक्षक के कान भरकर उन्हें विभाग से भागने की योजना बनाते रहते है. और युवाओं के द्वारा किये गए कार्यों का क्रेडिट खुद लेते रहे है. इतना ही नहीं BDDS ने नियुक्ति के इच्छुक से पुलिस निरीक्षक के नाम पर अपना उल्लू सीधा करते रहते है.
File Pic
Rajeev Ranjan Kushwaha ( rajeev.nagpurtoday@gmail.com )