नागपुर : छत्रपती शिवाजी महाराज के साथ दूजाभाव करने का काम अगर कोई करेगा तो हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह कहते हुए अजीत पवार ने सरकार से इस संबंध में अपनी भूमिका साफ करने के लिए कहा.
विधानसभा में आज भी मुंबई के अरब सागर में तैयार किए जानेवाले छत्रपती शिवाजी महाराज के घोड़ों पर सवार प्रतिमा का विषय गूंजा. छत्रपती शिवाजी महाराज के पुतले की ऊँचाई सरकार की ओर से कम करने को लेकर विरोधी दल ने विरोध करते हुए पुतले में एक इंच भी उंचाई कम न होने देने की चेतावनी दी.
इस पर छत्रपती शिवाजी महाराज की प्रतिमा की उंचाई कमी नहीं की गई है यह मुख्यमंत्री ने सभागृह को बताया. लेकिन हमें मिली जानकारी के अनुसार पुतले की उंचाई १६० मीटर से १२६ पर लाए जाने का सरकार का कारण क्या है. इसके पीछे सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को सबसे ऊँचा बनाने के लिए इस तरह का निर्णय तो नहीं लिया जा रहा ऐसा सवाल खड़ा किया गया.
सरदार वल्लभभाई पटेल को लेकर हमें आदर है. लेकिन छत्रपती शिवाजी महाराज के पुतले को सबसे बड़ा होने की जानकारी सरकार की ओर से दी गई थी. सरकार भी निधि कम न जाने देने की बात करती रही फिर यह निर्णय क्यों लिया जा रहा है? ऐसा ज्वलंत सवाल पवार ने इस दौरान किया.