नागपुर: अजनी स्थित आरओबी की जीर्ण अवस्था को देखते हुए उसके स्थान पर नया आरओबी तैयार किया जाना है, जिसके लिए मेसर्स एस.एन. भोबे एंड एसोसिएट्स प्रा.लि. कम्पनी की ओर से डीपीआर तैयार करने के प्रस्ताव को भले ही मनपा की स्थायी समिति की ओर से एक वर्ष पहले मंजूरी प्रदान की गई हो, लेकिन अबतक इस संदर्भ में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया.
1,35,51,750 रु. की लागत के इस प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिए जाने के कारण पूरा मामला ही अटका हुआ है. उल्लेखनीय है कि अजनी पुल का निर्माण लगभग 125 वर्ष पहले किया गया था, जिससे इस पुल की हालत जीर्ण हो चुकी है. अत: इसके स्थान पर नए आरओबी की मांग गत अनेक माह से हो रही है.
300 करोड़ खर्च का आकलन
मनपा के लोककर्म विभाग की ओर से बनाए गए प्रस्ताव के अनुसार भोबे एसोसिएट्स की ओर से प्राथमिक स्तर पर आरओबी के लिए 300 करोड़ के खर्च का आकलन कर प्राकलन भी तैयार किया गया था, लेकिन कार्य का विस्तृत डीपीआर तैयार करने के लिए मनपा में तय नियम और दरों के अनुसार 1,35,51,750 रु. खर्च होने की सम्भावना जताई गई थी.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम नागपुर को पूर्व और दक्षिण से जोड़नेवाले इस पुल की जीर्ण अवस्था को देखते हुए कभी भी टूट जाने पर आवागमन की बड़ी समस्या खड़ी होने की सम्भावना जताई गई जिससे शीघ्र प्रभाव से इसका विकास किया जाना चाहिए.
JNNURM के तहत बनना था पुल
प्रस्ताव के अनुसार विस्तृत डीपीआर तैयार करने के बाद इसे जेएनएनयूआरएम के तहत मंजूरी प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया. मंजूरी प्राप्त होते ही पुल के निर्माण की शुरुआत होने की आशा जताई गई थी. बताया जाता है कि 8 अक्टूबर 2012 को शहर की विभिन्न समस्या एवं प्रकल्पों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक ली गई थी, जिसमें इस पुल के निर्माण को लेकर गहन चर्चा की गई.
नया पुल निर्मित होने से तुकडोजी पुतला चौक से वंजारी लेआउट होते हुए, धनवटे नेशनल कालेज, कांग्रेसनगर तथा चूनाभट्टी तक आवागमन के लिए लोगों को सुविधाजनक होगा. इस संदर्भ में रेलवे, जिलाधिकारी, मनपा और प्रन्यास को एकत्रित बैठक लेकर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश बैठक में दिए गए थे, जिसके अनुसार प्रस्ताव तो तैयार किया गया, लेकिन यह कागजों तक ही सीमित रह गया.