नागपुर: नागपुर शहर का एलेक्सिस मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल अब देश के उन चुनिंदा 39 हॉस्पिटलों में शामिल हो गया है. जिन्हे जॉइंट कमीशन इंटरनेशनल ( जेसीआई ) की गोल्ड सील की मान्यता मिली है. इस मान्यता के बाद एलेक्सिस हॉस्पिटल काफी गर्व महसूस कर रहा है. जेसीआई विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ सुविधाओ को मान्यता प्रदान प्रदान करनेवाली संस्था है. एलेक्सिस हॉस्पिटल को जेसीआई गोल्ड सील मरीजों को दी जानेवाली सर्वश्रेष्ठ सुविधा ,गुणवत्ता और सुरक्षा से परिपूर्ण स्वास्थ सेवाओ के लिए प्रदान की गई है.
जेसीआई सील की जानकारी देने के लिए हॉस्पिटल की ओर से पत्र परिषद् का आयोजन किया गया था. इस दौरान हॉस्पिटल के सीईओ सूरज त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि जेसीआई के प्रमाणन को विश्वस्तरीय स्वास्थ सेवा के गोल्ड स्टैंडर्ड के रूप में देखा जाता है तथा यह मरीजों को दी जानेवाली सबसे बेहतरीन सेवाओ के प्रति हमारी प्रतिबद्धहता का प्रमाण भी है. करीब 3 साल के कार्यकाल में एलेक्सिस ने कई ऐसे कार्यक्रम किए है जो की समाज के लिए फायदेमंद साबित हुए है.
एनएबीएच और एनएबीएल के बाद जेसीआई का प्रमाणन एलेक्सिस के काम को दर्शाता है. जेसीआई गोल्ड सील मान्यता प्राप्त संस्थानों को वैश्विक स्तर पर स्वास्थ सेवाओ में होनेवाले बदलावो के साथ कदमताल करना और उनका पालन करना आवश्यक होता है. जेसीआई स्वास्थ सेवाओ को मान्यता प्रदान करनेवाली सबसे पुरानी तथा सबसे बड़ी प्रमाणन संस्था है. यह 20,000 से अधिक स्वास्थ सेवा प्रदान करनेवाली संस्थाओ को विभिन्न मापदंडो पर तौलती है तथा निरंतर अपनी सेवाओ को और उन्नत और सुरक्षित बनाने हेतु प्रेरित करती है.
उन्होंने बताया की हॉस्पिटल को जेसीआई की मान्यता हासिल करने के लिए 1198 मापदंडो का पालन करना होता है. जिनमे स्वास्थ सुविधा की गुणवत्ता और मरीज को दी जानेवाली सुरक्षा के मापदंडो का पालन महत्वपूर्ण होता है. इस प्रमाणम को हासिल करने हेतु किसी भी हॉस्पिटल का कम से कम 2 साल का अस्तित्व होना जरुरी है. एलेक्सिस हॉस्पिटल विश्व के सबसे युवा हॉस्पिटल में है जिसे जेसीआई गोल्ड सील की मान्यता केवल 32 महीने में प्राप्त हुई है. उन्होंने बताया की अब तक देश के केवल 39 हॉस्पिटल को ही जेसीआई की मान्यता मिली हुई है. उन्होंने कहा की हॉस्पिटल में मरीज आने के बाद पूरी सावधानी और गुणवत्त्ता और मरीज के इलाज पर ध्यान दिया जाता है. फार्मेसी से जो भी दवाई दी जाती है. उसपर भी पूरा ध्यान रहता है की किसी मरीज को किसी दवाई से अलेर्जी तो नहीं है. उन्होंने कहा की 3 साल तक यह मान्यता रहेगी. इसको बनाये रखना बड़ा चैलेंज होगा.
इस दौरान हॉस्पिटल के एमडी ताहेर शम्स ने कहा की हॉस्पिटल को भले ही 3 साल हुए हो लेकिन इसके सफर की शरुवात 2009 से ही शुरू हो चुकी थी. जब हॉस्पिटल के लिए जगह देखी जा रही थी. उन्होंने भी जेसीआई और हॉस्पिटल के बारे में विस्तार से चर्चा की.