नागपुर: शहर की इकलौती अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज अल्फिया पठान ने एक बार फिर से देश का नाम रोशन किया है. उन्होंने बुडवा, मोंटेनेग्रो (दक्षिण पूर्व यूरोप) में 30 वें एड्रियाटिक पर्ल में स्वर्ण पदक जीता. यह इस सीज़न का पहला अंतर्राष्ट्रीय इवेंट है और अल्फिया ने मोल्दोवा के डारिया कोरोजेव को हराकर भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता. शुक्रवार रात को महिलाओं के 81 किलोग्राम-प्लस भार वर्ग में स्वर्ण पदक मैच में फाइनल में वे एक सर्वश्रेष्ठ यूरोपीय हेवीवेट प्रतिद्वंदी से लड़ीं. लेकिन अल्फिया ने बाउट में शानदार प्रदर्शन कर उन्हें हरा दिया. उन्होंने अपनी आक्रामक रणनीति के तहत प्रतिद्वंद्वी से लड़ना बंद नहीं किया. अपनी सफल अंतरराष्ट्रीय करियर में चार चाँद लगते हुए उन्होंने यह कठिन प्रतियोगिता जीती.
अलफरिया ने फुजैराह 2018 में एएसबीसी एशियन जूनियर बॉक्सिंग चम्पियनशिप का खिताब जीता और फिर वे जनवरी 2020 में युवा आयु वर्ग में शामिल हुई. अकरम खान ने सर्बिया में तीसरे नेशंस कप इंटरनेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 80 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता. अल्फिया के स्थानीय कोच गणेश पुरोहित ने अल्फिया की सफलता पर बहुत खुशी जताई.
“मुझे खुशी है कि उसने अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता लेकिन हमारा मुख्य लक्ष्य 10 से 24 अप्रैल के बीच पोलैंड में होने वाली एआईबीए यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चयन होना है. अल्फिया भारतीय टीम में बर्थ की प्रबल दावेदार हैं क्योंकि वे अपने करियर के शीर्ष पर हैं. भारत में उसके वजन वर्ग में वे उच्चतम रैंक की बॉक्सर हैं. पुरोहित ने कहा, बीएफआई फरवरी के अंत तक आयोजित होने वाले ट्रायल्स से पहले शिविर के लिए प्रत्येक भार वर्ग के शीर्ष 4-6 रैंक वाले खिलाड़ियों का चयन करेगा.