नागपुर: ऑनलाइन दवा बिक्री व्यवस्था और दवाईयां बेचने वाले पोर्टल के विरोध में आज देश भर में दवा विक्रेता हड़ताल कर रहे है। एक दिन की इस सांकेतिक हड़ताल के तहत देश भर में करीब साढ़े छह लाख मेडिकल स्ट्रोर बंद है। इस हड़ताल में दवा विक्रेताओं ने उस मुद्दे को भी शामिल किया है जिसके अंतर्गत सरकार ने दवा दुकानों का व्यवहार इंटरनेट से जोड़ने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट असोशिएशन के उपाध्यक्ष मुकुंद दुबे के मुताबिक सरकार का यह आदेश व्यावहारिक नहीं है ऐसे वक्त में जब दूरदराज के ग्रामीण इलाके में 6 से 8 घंटे बिजली नहीं रहती कोई दुकानदार कैसे ऑनलाइन व्यापार कर सकता है।
सरकार ईमानदारी के व्यापर करने वालों को परेशान कर रही है जबकि अवैध तरीके से इंटरनेट के माध्यम से होने वाले व्यापर पर किसी भी तरह की रोकथाम नहीं लगी है। पोर्टल के माध्यम से दवाईयो की बिक्री धड़ल्ले से शुरू है इसके माध्यम से झूठा प्रिस्क्रिप्शन जमा कर कोई भी व्यक्ति आसानी से प्रतिबंधित दवाईया हासिल कर सकता है। जब दुकानों से दवाई बिक्री में बरती जाने वाली संभावना की वजह से ऐसा आसानी से संभव नहीं।
एक ओर सरकार दवा दुकानदारों पर नियम थोप रही रही जबकि गैरकानूनी काम बिना रोकटोक जारी है। जीएसटी सिस्टम लागू होने से वित्तीय व्यवस्था बेहतर होगी इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन सरकार को हमारी मांगो की तरफ भी संजीदगी से ध्यान देना पड़ेगा।
इस हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है हालांकि दुकानों में आपातकालीन स्थिति में दवा की बिक्री की जा रही है। राज्य की 65 हजार और शहर में साढ़े चार हजार से ज्यादा दवा दुकाने बंद है।