नागपुर: अस्पताल में अव्यवस्था की वजन से गोरखपुर अस्पताल में हुई मासूम बच्चों की मौत के बाद सारा देश सन्न है,इस घटना के सीख लेने हुए शहर के सरकारी अस्पतालों में बाल रोग विभाग में सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा। बुधवार को हुई जिला नियोजन समिति की बैठक में शहर के तीन प्रमुख अस्पताल मेडिकल, मेयो और डागा को जिला विकास निधि से 50 करोड़ रूपए देने का फ़ैसला लिया गया है। इस निधि को दो वर्ष में खर्च किया जाना है।
डीपीडीसी से प्राप्त निधि को विशेष तौर पर ऑक्सीजन की व्यवस्था निर्माण करने पर खर्च किया जायेगा। मेडिकल के डीन डॉ अभिमन्यु निसवाडे के अनुसार इस निधि के माध्यम से अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के निर्माण, न्यूक्लियर मेडिसिन निर्माण सेंटर, प्रेवेक्टिव कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट, एंडोस्कोपी रोबोटिक सर्जरी सेंटर का निर्माण किया जायेगा। डॉ निसवाडे ने शहर के अस्पतालों को मिली निधि को चिकित्सा की बेहतर व्यवस्था तैयार करने में सहायक बताया है उनके मुताबिक राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन तैयार करने की व्यवस्था नहीं है मेडिकल ने राज्य में पहली बार इसे निर्माण करने का फैसला लिया है। मेडिकल के साथ अन्य दोनों अस्पताल अपने प्रोजेक्ट का प्रस्ताव जल्द डीपीडीसी को भेजेंगे।
गौरतलब हो की गोरखपुर में हुई बच्चो की मौत ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से ही हुई है। ऑक्सीजन मुहैय्या कराने वाली कंपनी ने अस्पताल द्वारा बिल न चुकाए जाने की वजह से सप्लाय बंद कर दी थी इसी घटना से सिख लेकर मेडिकल अब खुद ऑक्सीजन निर्माण प्लांट को तैयार करने का प्लान बनाया है।