राज्य में सबसे ज्यादा पूर्वी विदर्भ में मरीज
नागपुर. राज्य में एक ओर जहां लोगों को कोरोना ने हलाकान किया, वहीं दूसरी ओर डेंगू और मलेरिया ने भी परेशान किया. लेकिन समूची यंत्रणा कोरोना महामारी की रोकथाम और उपचार में लगी होने से अन्य संक्रामक रोगों को नज़रअंदाज कर दिया. राज्य में मलेरिया के 19,000 मरीज मिले. डेंगू के 12,721 मरीज दर्ज किए गए. राज्य में डेंगू के मरीजों की संख्या में नागपुर संभाग सबसे आगे है. डेंगू के सबसे ज्यादा 3,628 मरीज पूर्वी विदर्भ में मिले और 24 लोगों की मौत हो चुकी है. यह खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ.
डेंगू से मरने वालों की संख्या भी पिछले साल की तुलना में चौगुनी हो गई है. 2020 में राज्य में 10 मौतें हुईं और 2021 में 40 डेंगू के शिकार हुए. राज्य में साल 2019 में डेंगू के 14,888 मरीज मिले थे. इनमें से 49 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई. 2020 में कोरोना काल में डेंगू के मरीजों की संख्या में कमी आई. उस समय साल के दौरान 3,356 मरीज मिले थे. इनमें से 10 मरीजों की मौत हो गई, लेकिन फिर 2021 में राज्य में 2020 की तुलना में चार गुना 12,721 मरीज मिले. डेंगू ने 40 लोगों की जान ले ली. राज्य में 2021 में कुल मरीजों में से 28.51 प्रतिशत या 3,628 मरीज नागपुर संभाग के हैं और 60 प्रतिशत या 24 मौतें पूर्वी विदर्भ से हैं.
37,829 हाथीरोग के मरीज
2019 में प्रदेश में 8,866 मलेरिया के मरीज मिले थे. इनमें से 7 मरीजों की मौत हो गई थी. 2020 में 12,909 मरीज मिले, जिनमें से 12 की मौत हो गई. 2021 में 19,298 मरीज मिले जिनमें से 8 की मौत हो गई. 2019 में चिकनगुनिया के 1,646 मामले, 2020 में 782 और 2021 में 2,479 मामले सामने आए. इनमें से कोई भी मृत्यु नहीं हुई. इसी तरह 2019 में एलीफेंटियासिस के 50,493 मामले, 2020 में 43,187 और 2021 में 37,829 मामले सामने आए.