नागपुर : नागपुर सुधार प्रन्यास के 572 और 1900 लेआउट के गुंठेवारी विकास शुल्क में 56 रु. से बढाकर 168 रु. राज्य सरकार ने बढौत्तरी करने से नागरिकों में भारी रोष हैं. अनेक भूखंडधारकोंने नागपुर सुधार प्रन्यास में 1000 रु. भरकर भूखंड नियमितीकरण के लिए आवेदन किया था लेकिन उन्हें मांग पत्र दिया ही नहीं.
नागरिकों ने परिश्रम कर अपनी जमा पूंजी से भूखंड खरीदे हैं और राज्य सरकार ने बढौत्तरी की हैं. कोरोना काल अनेक लोगों के रोजगार छीन लिए, किसी की जमा पूंजी कोरोना काल खत्म हुई हैं. नागपुर सुधार प्रन्यास में आनेवाले नागरिकों का काम होता नहीं उन्हें बैरंग लौटाया जाता हैं.
राज्य के मुख्यमंत्री चुप्पी साधे हुए हैं. पालकमंत्री, विधायक ने इस ओर ध्यान देना चाहिए. विकास शुल्क बढौत्तरी स्थगित की जाये, विकास शुल्क भरने की प्रक्रिया सरल की जाए, विकास शुल्क भरनेवाले किसी भी भूखंडधारक को दंड नहीं लगाना चाहिए. केंद्र सरकार का सपना सभी का अपना घर हो ऐसे विकास शुल्क लादना घोर अन्याय हैं.
गुंठेवारी विकास शुल्क स्थगित करने की मांग विनायक डहाके, अनिल जबलपुरे, मनीष कांबले, विलास अनासने, प्रदीप दातिर ने की हैं. नागपुर के पालकमंत्री, सांसद, विधायकों ने राज्य सरकार को नागपुर के नागरिकों की समस्या से अवगत कराये.