नयी दिल्ली. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने मंगलवार को गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना प्ले स्टोर की नीतियों के संबंध में अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए लगाया गया है। सीसीआई ने कहा कि कंपनी को अनुचित व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने के साथ एक निर्धारित समयसीमा के भीतर अपने आचरण में सुधार करने के लिए विभिन्न उपाय करने का निर्देश दिया गया है। एक हफ्ते से भी कम समय में यह दूसरा मौका है, जब गूगल के खिलाफ सीसीआई ने बड़ा फैसला दिया है।
इससे पहले नियामक ने 20 अक्टूबर को एंड्रॉयड मोबाइल उपकरणों के संबंध में कई बाजारों में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। सीसीआई ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि प्ले स्टोर नीतियों में अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। गूगल का प्ले स्टोर एंड्रॉयड मोबाइल पारिस्थितिकी तंत्र में ऐप डेवलपर्स के लिए मुख्य वितरण चैनल का गठन करता है, जो इसके मालिकों को बाजार में लाए गए ऐप को इस्तेमाल की अनुमति देता है।
जुर्माने के अलावा सीसीआई ने कहा कि गूगल को ऐप डेवलपर्स को ऐप खरीदने के लिए किसी भी तीसरे पक्ष के बिलिंग/भुगतान प्रसंस्करण सेवाओं का उपयोग करने से प्रतिबंधित नहीं करना चाहिए। सीसीआई के आदेश पर गूगल की तरफ से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की गई है। इससे पहले 21 अक्टूबर को गूगल ने कहा था कि वह एंड्रॉयड उपकरणों के मामले में आदेश की समीक्षा करेगी। सीसीआई की तरफ लगाई गई जुर्माने की राशि कंपनी के औसत प्रासंगिक कारोबार का सात प्रतिशत है।
बयान के अनुसार, आवश्यक वित्तीय विवरण और अन्य संबद्ध दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए गूगल को 30 दिनों का समय दिया गया है नियामक अन्य मामलों में भी गूगल की जांच कर रहा है। इसमें समाचार सामग्री और स्मार्ट टीवी के संबंध में इंटरनेट प्रमुख द्वारा कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियां शामिल हैं। आयोग ने फरवरी, 2018 में ऑनलाइन ‘सर्च’ के लिए भारतीय बाजार में अनुचित व्यावसायिक प्रथाओं के लिए गूगल पर 136 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। सीसीआई ने इंटरनेट कंपनी से ऐप डेवलपर्स पर ऐसी कोई भी शर्त नहीं लगाने को कहा है, जो उन्हें प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए अनुचित, भेदभावपूर्ण या असंगत है।